देहरादून न्यूज़: पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हरिद्वार पंचायत चुनाव सहित अन्य विषयों को लेकर शिष्टाचार भेंट की। मुलाकात के बाद हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद अब 18 अगस्त को उपवास कार्यक्रम को स्थगित करने का निर्णय लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी। इस दौरान हरीश रावत ने बताया कि हरिद्वार पंचायत चुनाव के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न, उपनल कर्मचारियों और कोरोना काल में मेडिकल में लोगों को संबंध में मुख्यमंत्री के सामने बात रखी। इन सभी बातों को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से सुनते हुए एक कदम आगे आकर आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद 18 अगस्त के धरना फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है। इसके बाद सरकार कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न जारी रखी तो हम विवश होकर आगे का कदम बढ़ाएंगे।
हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार के पंचायती चुनाव में ग्रामीण नेतृत्व को ध्वस्त करने का काम किया जा रहा है। परिसीमन, आरक्षण का इस्तेमाल कर पंचायत चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश किया गया है। मुख्यमंत्री की ओर से आश्वासन मिला है कि इस विषय को देखता हूं। उन्होंने मेडिकल के मामले को अगले मंत्रिमंडल में लाने की बात कही है । पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री हमसे मिलने लिए आए थे, लेकिन अब हम शिष्टाचार मुख्यमंत्री से मिलने आए है। राज्य के मुख्यमंत्री पर विश्वास तो करना ही है। अच्छा नहीं लगता कि मुख्यमंत्री के आवास पर पूर्व मुख्यमंत्री धरना दे। अब हमारे पास सत्याग्रह, उपवास की विकल्प है।
हरीश रावत ने एक सवाल पर कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री के लिए एक साल का आकलन के लिए मौका मिलना चाहिए। इतनी जल्दबाजी में उसका विरोध करना ठीक नहीं है। सरकार अगर आगे अपने कार्य में राज्य हित में सही ढंग से करने में विफल रही तो हम एक विपक्ष के नाते विरोध करेंगे। हरीश रावत ने बिहार के नीतीश कुमार के भाजपा से गठबंधन टूटने के सवाल पर कहा कि वो परिपक्व नेता है। समय रहते भाजपा से अलग हो गए। अब 'मैं अपने भतीजे जगन मोहन रेड्डी को सलाह दूंगा कि भाजपा के नजदीक न जाएं।' उनके पिता मेरा घनिष्ठ दोस्त थे। इसलिए अपने दोस्त के पुत्र को गलत राह पर जाने से रोकने की कोशिश करुंगा। पहले अकाली दल,बसपा, शिवसेना की तरह उनके साथ भी भाजपा कदम बढ़ा सकती है।
हरीश रावत ने भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र भटृ के राष्ट्रभक्ति के बयान पर कहा कि अभी अध्यक्षी ठीक से रास नहीं आई है। कोई भी संस्था राष्ट्रभक्ति का मापन करे यह अधिकार किसी को नहीं है। भक्ति बताने की नहीं, मन की भावना राष्ट्र के समर्पण के लिए है। महेन्द्र भटृ विन्रम व्यक्ति हैं। ऐसे वो बयान क्यों दे रहे हैं. समझ में नहीं आ रहा है। हरीश रावत ने यूकेएसएसएससी परीक्षी धांधली को लेकर कहा कि राज्यहित बहुत गहराई तक है। इसमें कठोर निर्णय लेने के साथ संस्था को भी खड़ा करना होगा।