Haldwani : बारिश में अपनी जान संभालकर कर पार करो गौलापुल

Update: 2024-07-06 08:30 GMT
Haldwani हल्द्वानी । इंदिरानगर बाईपास पर बने गौलापुल की नींव की सुरक्षा कार्य के लिए 24 करोड़ रुपये से काम होना है। दो कंपनियों के टेंडर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने मई में निरस्त किए थे। आचार संहिता की वजह से फिर टेंडर नहीं हुए। अब फिर से नई दो कंपनियों से टेंडर डाले हैं जबकि मानसून से पहले ही यह काम पूरा करने का लक्ष्य था।
गौला नदी पर बने पुल की एप्रोच सड़क अक्तूबर साल 2021 की बारिश में बह गई थी और साथ ही पुल के पिलर के नीचे की बुनियाद को भी नुकसान हुआ था। कुछ समय के लिए पुल से आवागमन भी बंद कर दिया गया था। बाद में एप्रोच सड़क को काम चलाऊ तौर पर सही करके आवागमन शुरू कर दिया गया।
बाद में पुल की सुरक्षा पर सवाल उठे तो एनएचएआई ने आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों को बुलाया और उनसे पुल की जांच करवाई। विशेषज्ञों ने पुल के पिलर के आसपास से खनन बंद करने का सुझाव दिया था और साथ ही पुल को बचाने के लिए सुरक्षा कार्य करने के लिए कहा था जिसमें 24 करोड़ रुपये खर्च होने थे।
इस मानसून से पहले ही एनएचएआई को पुल की नींव को बचाने के लिए एक ढांचा बनाना था। फिलहाल पुल के पिलर के नीचे की नींव कमजोर होती जा रही है। साथ ही रिवर ड्रेजिंग का काम भी किया जाना था। इसलिए एनएचएआई ने विगत अप्रैल में इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए थे और 30 अप्रैल को टेंडर खोले गए तो पता चला कि दो कंपनियों ने ही टेंडर डाले हैं। साथ ही दोनों ही कंपनियां मानकों को पूरा नहीं कर रहीं हैं।
इस वजह से एनएचएआई को उनके टेंडर ही निरस्त करने पड़े। बाद में चुनाव प्रक्रिया के चलते टेंडर प्रक्रिया रुकी रही। इस दौरान गर्मी बीत गई और अब फिर से टेंडर डाले गए हैं। दो कंपनियों ने इस बार टेंडर डाले हैं। एनएचएआई उनकी जांच कर रही है। सब कुछ ठीक रहा तो टेंडर किसी एक कंपनी को दिया जाएगा लेकिन दिक्कत यह है कि अब मानसून शुरू हो गया है गौला नदी में जलस्तर बढ़ गया है। ऐसे में जब तक गौलापुल की नींव को मजबूत करने के लिए ढांचा तैयार नहीं होता है लोगों को अपनी जान संभाल कर ही पुल से आवागमन करना होगा।
एक बार टूटा अब फिर से खतरे में पुल
गौला पुल को पहली बार उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने साढ़े नौ करोड़ रुपये की लागत से बनाया था हालांकि जुलाई 2008 में पुल टूट गया था। इसके बाद वुडहिल इंफ्रास्टकचर लिमिटेड ने इसे बनाया। तीन चरण में कुल 19.77 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। पुल की कुल लंबाई 364.76 है।

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