अल्मोड़ा न्यूज़: जिला मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट में बूस्टर लगाने की योजना अब पूरी तरह फेल हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने प्लांट में बूस्टर लगवाने को बची धनराशि भी शासन को वापस कर दी गई है। अब तक जिले के किसी भी ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट में बूस्टर नहीं लग सका है। जिस कारण ऑक्सीजन के सिलेंडरों को भरने के लिए हल्द्वानी और रूद्रपुर जैसे शहरों को सहारा लेना पड़ रहा है। कोरोना काल में पहाड़ों के अस्पतालों के लिए जमकर उपकरण मिले। जिला अस्पताल में 99 करोड़ रुपये की लागत से ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट को स्वीकृति मिली थी। एनएचएम की ओर से कार्यदायी संस्था आरइएस ने जिला अस्पताल के गैराज में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाया। पिछले वर्ष प्लांट संचालित भी हो गया। इसके लिए कार्यदायी संस्था को 74.75 लाख रुपये पास हुए थे। प्लांट के माध्यम से ऑक्सीजन सिलिंडरों के रिफिलिंग की भी योजना थी। इसके लिए प्लांट में बूस्टर लगना था लेकिन गैराज के सामने पेट्रोल पंप होने के कारण इसको स्वीकृति नहीं मिल सकी।
योजना फेल होने पर कार्यदायी संस्था ने बूस्टर के लिए बची धनराशि 21 लाख 84 हजार रुपये स्वास्थ्य विभाग को वापस कर दिए थे। स्वास्थ्य विभाग इस धनराशि से बेस अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में बूस्टर लगाने की योजना बना रहा था लेकिन यह योजना भी फेल हो गई। अब स्वास्थ्य विभाग ने बची धनराशि शासन को सरेंडर कर दी है।
बेस अस्पताल में भी ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट नहीं लग सका। जिस कारण सरकार से निर्देश पर अस्पताल के प्लांट की बची धनराशि सरेंडर करवा दी गई है। – डॉ. आरसी पंत, सीएमओ, अल्मोड़ा