हल्द्वानी: उत्तराखंड में बिजली की दरें बढ़ाने की भाकपा (माले) कड़ी निंदा करती है। डबल इंजन की भाजपा सरकार निरंतर ही लोगों पर महंगाई का दोहरा- तिहरा बोझ डाल रही है। इस वर्ष बिजली दरों की मूल्य वृद्धि में बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को तक नहीं बख्शा गया है।
हैरत की बात यह है कि पुष्कर सिंह धामी की सरकार शराब सस्ती कर रही है और बिजली, पानी आदि सब मंहगा कर रही है। मुख्यमंत्री और उनकी भाजपा सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसा करके वे किसका हित साध रहे हैं। यह विडंबना है कि बिजली परियोजनाओं के निर्माण के लिए उत्तराखंड के गांव- शहरों को अपना अस्तित्व तक गंवाना पड़ रहा है। फिर उन्हीं बिजली परियोजनाओं से डूबने-उजड़ने वाले लोगों को तक सस्ती बिजली नहीं मिल रही है।
साल दर साल विद्युत उपभोक्ताओं पर बिलों का बोझ बढ़ाया जाता है और अगले साल पुनः घाटे के बहाने के साथ यह प्रक्रिया दोहराई जाती है। इससे स्पष्ट है कि बिजली के प्रबंधन में सरकार नाकाम है। लोगों पर महंगाई का निरंतर बोझ डालने के बाद भी बिजली प्रबंधन में नाकाम सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है। हम यह मांग करते हैं कि बिजली की बढ़ी हुई दरों को सरकार तत्काल वापस ले।