उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने खटीमा के आरक्षित वन क्षेत्र सालबोझी एक व दो में वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार एवं वन विभाग से पूछा है कि उत्तराखंड में लीज के नवीकरण के क्या नियम हैं? इस बारे में 28 सितंबर तक कोर्ट को बताएं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 सितंबर की तिथि नियत की गई है। मामले के अनुसार, खटीमा निवासी शुभम अग्रवाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि खटीमा के आरक्षित वन क्षेत्र सालबोझी एक मे 29 व दो में 11 लोगो ने पिछले 30 साल से अतिक्रमण किया हुआ है। पूर्व में ये पट्टे वन विभाग ने उन्हें एक एक साल के लिए वर्ष 1975-1978 के बीच लीज पर दिए थे जिनकी लीज की अवधि समाप्त हो गयी। लीज समाप्त होने के बाद भी इनके द्वारा वन भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है।
साल 2015 में इनके द्वारा लीज बढ़ाने को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी जिसमें उच्च न्यायालय ने वन विभाग को निर्देश दिया था कि इनके प्रत्यावेदन को निस्तारित करें, परन्तु आज की तिथि तक वन विभाग ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की और न ही अतिक्रमण हटाया गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।
न्यूज़क्रेडिट: अमृतविचार