गढ़वाल: लॉकडाउन में मेहनत का मिला फ़ायदा, अर्चना बिष्ट का इसरो में हुआ चयन
देवभूमि न्यूज़: पौड़ी गढ़वाल की अर्चना बिष्ट ऐसी ही होनहार बिटिया हैं, जिन्होंने इसरो जैसे बड़े राष्ट्रीय संस्थान में चयनित होकर पूरे उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है। अर्चना बिष्ट मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल के द्वारीखाल में स्थित हिलोगी गांव की रहने वाली हैं। वर्तमान में उनका परिवार गाजियाबाद के प्रताप विहार में रहता है। अर्चना ने 12वीं तक की पढ़ाई गाजियाबाद के ब्लूम इंटरनेशनल स्कूल से की। यहां वो टॉपर रहीं। साल 2016 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ मैथमेटिक्स ऑनर्स कंप्लीट किया। उसके बाद बीएचयू से मास्टर्स की डिग्री हासिल की। होनहार अर्चना ने सीएसआईआर की परीक्षा भी पास की, जिसके बाद उनका चयन आईआईटी रुड़की में पीएचडी के लिए हो गया।
अब अर्चना बिष्ट इसरो में सेवाएं देंगी। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिस लॉकडाउन को लोग हमेशा कोसते रहे हैं, अर्चना उसे अपनी कामयाबी की सबसे बड़ी वजह मानती हैं। वो कहती हैं कि कोरोना के कारण लगाया गया लॉकडाउन उनके लिए वरदान साबित हुआ है। लॉकडाउन में दो साल के दौरान उन्होंने खूब मेहनत की और इसरो में चुन ली गईं। अर्चना कहती हैं कि अगर छात्र-छात्राएं टारगेट सेट कर मेहनत से पढ़ाई करें तो असंभव लगने वाले लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। अर्चना के पिता विनोद बिष्ट प्राइवेट जॉब करते हैं, जबकि माता बीना बिष्ट गृहणी हैं। बेटी की सफलता से दोनों गर्वित महसूस कर रहे हैं। परिजनों और रिश्तेदारों ने उन्हें बधाई दी। अर्चना की सफलता पहाड़ की दूसरी बेटियों को भी आगे बढ़ने की राह दिखाएगी, उन्हें हिम्मत देगी। राज्य समीक्षा टीम की ओर से Pauri Garhwal के Higoli village की बेटी Archana Bisht का ISRO में चयन होने पर उन्हें और उनके परिवार को शुभकामनाएं।