गढ़वाल: DM ने ग्राम प्रधान को पद से हटाया, प्रधान की हुई थी तीसरी संतान

Update: 2022-03-29 08:57 GMT

उत्तराखंड न्यूज़ स्पेशल: यहां प्रधान विक्रम नेगी को तीसरी संतान होने पर उन्हें प्रधान के पद से हटा दिया गया है। गांव के ही एक ग्रामीण व्यक्ति ने जिलाधिकारी से इस मामले में शिकायत की थी। शिकायत सही पाई गई और प्रधान को पद से हटाया गया है। शिकायतकर्ता विकेंद्र सिंह का कहना है कि 2019 में विक्रम नेगी की दो संतान थी। उस दौरान पंचायत चुनाव में वो प्रधान पद पर निर्वाचित हुए। इसके बाद 2021 में विक्रम नेगी की तीसरी संतान भी हो गई। उनका कहना है कि अस्पताल में तीसरी संतान होने का पूरा ब्यौरा है। इसके बाद विकेंद्र सिंह ने प्रशासन से शिकायत की थी। प्रशासन द्वारा जांच में शिकायत एकदम सही पाई गई।

इसके बाद मामले में डीएम ऑफिस की तरफ से 18 जनवरी 2022 को प्रधान विक्रम नेगी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया लेकिन विक्रम नेगी जिलाधिकारी के सामने प्रस्तुत नहीं हुए। आपको बता दें कि पंचायती राज एक्ट के तहत अगर प्रधान निर्वाचित होने के बाद भी संबंधित व्यक्ति की कार्यकाल के दौरान तीसरी संतान हो जाए, तो वह पद पर नहीं रह सकता है। इसी के तहत विक्रम नेगी पर भी कार्रवाई की गई है। 25 मार्च को जिलाधिकारी ने प्रधान विक्रम नेगी को पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं।

केवल दो बच्चों की शर्त: प्रदेश में स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत के जन प्रतिनिधियों के लिए अधिकतम दो संतान की शर्त लागू है. ये शासनादेश प्रदेश की सबसे पहली निर्वाचित एनडी तिवारी सरकार के समय यानि दो जुलाई 2002 से ही लागू है. इस शर्त के चलते ऐसे लोग प्रदेश में पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले सकते हैं, जिनकी जुलाई 2002 के बाद तीसरी संतान पैदा हुई है. इसके बाद पिछली बीजेपी सरकार ने 2018 में पंचायती राज एक्ट में भी संशोधन करते हुए, इसमें न्यूनतम शिक्षा की शर्त भी लागू कर दी है.

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