रुद्रपुर। ढाई माह पहले छतरपुर में संदिग्ध हालात में मृत पाए जाने वाले श्रमिक की मौत का खुलासा हो गया। सोमवार को एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि श्रमिक की हत्या करने के लिए उसका दोस्त खटीमा से आया था। यहां उसने दाल, चावल में जहरीला पदार्थ मिलाकर उसकी हत्या की थी। मामले का खुलासा फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट आने के बाद हुआ। हत्यारोपी ने मां पर गलत नजर रखने पर श्रमिक की जान ले ली थी।
मूल रूप से श्रीपुर बिचवा थाना खटीमा निवासी पीयूष राणा (26) छतरपुर में किराए के कमरे में रहकर अशोक लीलैंड कंपनी में ठेके में नौकरी करता था। दो मई को पीयूष का शव उसके कमरे से संदिग्ध हालात में मिला था जबकि उसके मुंह से झाग आ रहा था, शरीर नीला पड़ा था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों के हवाले कर दिया था। इधर, बिसरा की जांच फोरेंसिक लैब को सौंप दी गई थी।
बिसरे में पुलिस को दाल, चावल के दाने और इंजेक्शन की शीशी मिली थी। फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि पीयूष की हत्या उसके दोस्त ने की थी। हत्या के इरादे से ही दोस्त खटीमा से नौकरी करने की बात कहकर छतरपुर आया था। रात में दोस्त ने ही दाल-चावल में जहर मिलाकर पीयूष को खिला दिया था और उसकी मौत की पुष्ट होने के बाद खटीमा चला गया। फोरेंसिक रिपोर्ट में जहर की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और हत्यारोपी दोस्त को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह और पीयूष दोस्त थे, लेकिन वह अक्सर मेरी मां के बारे में गलत बोलता था और उन पर गलत निगाह रखता था। वहीं ये भी पता चला कि दोनों नशे का इंजेक्शन भी लेते थे। इसकी जानकारी होने पर पीयूष के मामा ने हत्यारोपी को पीटा भी था। इसी नाराज होकर हत्यारोपी ने पीयूष की जान ले ली। पुलिस ने हत्यारोपी को धारा 302 के तहत गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया है। एसएसपी ने मामले का खुलासा करने वाली टीम को 2500 रुपये ईनाम देने की घोषणा की है।
दोस्त को सामने मरता हुआ देखता रहा
रुद्रपुर। एसएसपी ने बताया कि हत्यारोपी दोस्त हत्या के इरादे से ही छतरपुर आया था। एक मई की रात दोनों ने मिलकर दाल-चावल बनाया। इसी बीच मौका पाकर हत्यारोपी ने दाल, चावल में जहरीला पदार्थ मिला दिया। पीयूष ने खाना खाने के लिए कहा तो हत्यारोपी ने दोस्त ने बहना बना दिया। इसके बाद दोनों ने नशे का इंजेक्शन लिया और सोने चले गए। जहर का असर होने पर पीयूष तड़पने लगा तो हत्यारोपी उसे अपने सामने मरता हुआ देखता रहा। पीयूष के मुंह से झाग आने लगा तो अभिषेक ने उसके शरीर को कंबल से ढक दिया और सो गया।
सोनू ने दी थी पुलिस को सूचना
रुद्रपुर। पीयूष के साथ उसका रूम पार्टनर सोनू भी रहता था लेकिन हत्यारोपी जिस दिन वहां आया वहां पीयूष ही अकेला था। सोनू ने बताया कि वह राशन लेने घर चला गया था। पुलिस अनुमान लगा रही है कि हत्यारोपी पूरी प्लानिंग से सोनू के नहीं रहने पर यहां आया था। तीन मई को सोनू जब कमरे पर पहुंचा तो पीयूष और हत्यारोपी सोते हुए मिले। सोनू जल्दबाजी में अपना सामन रखकर ड्यूटी पर चला गया। इधर, हत्यारोपी खटीमा निकल गया। सोनू जब वापस आया तो पीयूष को सोता देख उसने कंबल हटाया तो उसके होश उड़ गए। फौरन उसने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस को गुमराह करता रहा हत्यारोपी
रुद्रपुर। पहला शक पीयूष के दोस्त पर ही गया तो पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह गुमराह करता रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की वजह स्पष्ट नहीं होने पर हत्यारोपी निश्चिंत हो गया था, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट ने पूरी कहानी ही बदल दी। पुलिस ने फिर से हत्यारोपी को हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारी कहानी बयान कर दी। उसने बताया कि रात में वह इसलिए नहीं भागा कि कहीं कोई पीयूष की मदद करने न आ जाए। पीयूष के मरने की पुष्टि होने पर वह खटीमा चला गया।