ऋषिकेश न्यूज़: बीएएमएस डिग्री फर्जीवाड़े में भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के एक पूर्व रजिस्ट्रार भी फंस गए हैं. एसआईटी की ओर से इस पूरे प्रकरण में पूर्व रजिस्ट्रार को भी आरोपी बनाया गया है. हालांकि, गिरफ्तारी से बचने के लिए वह कोर्ट से स्टे ले आए हैं.
इसी साल बीते जनवरी के महीने में एसटीएफ केी ओर से बीएएमएस डिग्री फर्जीवाड़े का खुलासा किया गया था. आरोप है कि मुजफ्फनगर के बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज का मालिक इम्लाख खान, चेयरमैन इमरान खान अपने दो और भाइयों संग बीएमएमएस की फर्जी डिग्री बनाकर भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीकरण करवा रहे थे. इसके एवज में छह से आठ लाख रुपये तक फर्जी डॉक्टरों से वसूले गए. खुलासे के बाद देहरादून जिले में एसपी क्राइम सर्वेश पंवार के नेतृत्व में एसआईटी इसकी जांच कर रही है. अब तक की जांच में परिषद में इम्लाख खान के माध्यम से मिली बीएएमएस की डिग्री के आधार पर पंजीकरण कराने वाले 51 फर्जी डाक्टर चिन्हित किए जा चुके हैं.
इस फर्जीवाड़े की जांच अधिकारी सीओ अनिल जोशी ने जानकारी दी कि एसआईटी की जांच में फर्जी डॉक्टरों के पंजीकरण में भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के तत्कालीन रजिस्ट्रार बीरेंद्र दत्त मैठाणी की मिलीभगत भी सामने आई है. उन्हें भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है. पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी में थे, लेकिन मैठाणी गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट चले गए. कोर्ट ने उन्हें पुलिस जांच में सहयोग के आधार पर स्टे दे दिया. मैठाणी से पुलिस कई दौर की पूछताछ कर भी चुकी है. केस के विवेचक सीओ अनिल जोशी ने बताया कि केस में जो चार्जशीट तैयार की जा रही है, इसमें मैठाणी का नाम शामिल कर कोर्ट में भेजा जाएगा.
एक पूर्व पदाधिकारी के दस्तावेजों की हो रही जांच आयोग के एक और पूर्व पदाधिकारी का नाम घपले में जुड़ रहा है. एसआईटी को सूचना मिली कि उसके खुद के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी बनाए गए हैं. यह दस्तावेज यूपी के अलग-अलग संस्थानों के हैं. इनका सत्यापन कराया जा रहा है.