वन विभाग की टीम ने बीन नदी में लगे कुर्सी-मेज हटाए
पर्यटकों को लुभाने के लिए अपनाया था दुकानदारों ने तरीका
ऋषिकेश: वन विभाग की टीम ने राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत चीला रेंज क्षेत्र के विंध्यवासिनी में बीन नदी से सजी हुई मेज और कुर्सियां हटा दी हैं। टीम ने स्थानीय दुकानदारों को दोबारा बीन नदी में कुर्सियां-टेबल लगाकर पर्यटकों व श्रद्धालुओं को भोजन परोसने पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है।
मंगलवार 23 अप्रैल के अंक में 'अमर उजाला मेरा शहर बीन नदी के बीच में परोसता है खाना' शीर्षक से खबर छपी थी। खबर पढ़ने के बाद वन विभाग की टीम हरकत में आई। मंगलवार की सुबह वन विभाग की टीम विंध्यवासिनी पहुंची। टीम ने यहां बीन नदी से सजी हुई मेज, कुर्सियां और तंबू हटा दिए। चिल्ला वार्डन हरीश नेगी ने बताया कि बीन से कुर्सियां, टेबल और टेंट हटाकर दुकानदारों को भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी दी गई है। अगर दोबारा कोई दुकानदार नदी में कुर्सी-टेबल लगाकर पर्यटकों को खाना परोसते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नदी में कुर्सियाँ और मेजें रखी गईं: विंध्यवासिनी में एक प्राचीन सिद्धपीठ मंदिर है। यहां साल भर हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। मंदिर के तल पर बीन नदी बहती है, जो गंगा की एक सहायक नदी है। पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए स्थानीय दुकानदार बीन नदी के बीच में टेबल और कुर्सियाँ लगाते हैं और उन्हें भोजन परोसते हैं। जिससे नदी प्रदूषित हो जाती है। जलीय जंतुओं को नुकसान होता है.