वीएलटीडी लगाने वाली पंद्रह कंपनियां ब्लॉक

गारंटी देने के बाद ही वाहनों में वीएलटीडी लगा सकेगी कंपनियां

Update: 2023-09-27 06:53 GMT

देहरादून: परिवहन मुख्यालय ने व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) लगाने वाली 15 कंपनियों को ब्लॉक कर दिया है. नवीन सीओपी और बैंक गांरटी प्रस्तुत नहीं करने पर कंपनियों को ब्लॉक किया गया. यह आदेश संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने किए हैं.

प्रदेश में 20 से ज्यादा कंपनियां हैं, जो कमर्शियल वाहनों पर वीएलटीडी लगाने का काम कर रही हैं. कंपनियों को समय-समय पर सीओपी और बैंक गारंटी प्रस्तुत करनी पड़ती है, लेकिन 15 कंपनियों ने कई महीने बीतने के बाद ऐसा नहीं किया है, जिस पर परिवहन मुख्यालय ने इन कंपनियों को ब्लॉक कर दिया है. जब तक यह कंपनियां औपचारिकताएं पूरा नहीं कर लेंती तब तक वाहनों में वीएलटीडी नहीं लगा पाएगी. संयुक्त परिवहन आयुक्त के आदेश की प्रति को आरटीओ दफ्तर में भी चस्पा किया गया है.

वीएलटीडी लगाने के बाद गायब हो जाती कंपनियां परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वीएलटीडी लगाने के बाद कई कंपनियां गायब हो जाती हैं, जिस कारण वाहन स्वामियों को वीएलटीडी डिवाइस रिचार्ज करवाने में दिक्कत आती है, इसलिए मुख्यालय कंपनियों से बैंक गारंटी मांग रहा है. वाहन स्वामियों की सुविधा के लिए यह जरूरी है. बताया कि मुख्यालय के आदेश के बाद कंपनियां औपचारिकताएं पूरा कराने में जुट गई हैं. कुछ कंपनियां औपचारिकता पूरी भी कर चुकी हैं, जिन्हें मुख्यालय से अनब्लॉक किया जा रहा है.

55 हजार वाहनों में लग चुकी डिवाइस

उत्तराखंड में अब तक 55 हजार वाहनों में वीएलटीडी लग चुकी है. इस डिवाइस की मदद से वाहन की लोकेशन को ट्रेस किया जा सकता है. इसके लिए परिवहन मुख्यालय में कंट्रोल रूम बना हुआ है. आपात स्थिति में यह डिवाइस काफी मददगार साबित होगी.

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