कालाढूंगी के किसान बारिश के इंतज़ार में हुए मायूस

Update: 2022-07-18 13:49 GMT

कालाढूंगी न्यूज़: सावन का महीना लगने के बाद भी बारिश न होने के कारण किसानों के चेहरों पर मायूसी छायी हुयी है। कालाढूंगी, चकलुवा, बैलपडाव व कोटाबाग में बरसात न होने के कारण धान की पौध की रोपाई, उड़द व अन्य फसल की बुवाई मे भी देरी हो रही है। जबकि जिन किसानों ने धान की रोपाई, उडद, सोयाबीन की बुवाई व सब्जीयां लगाई है। वर्षा न होने से सूखने लगी है ।प्रचंड धूप के कारण जंहा गर्मी से आम जनमानस बेहाल है वही खेतों की नमी सूखने ने से फसल मुरझाने लगी है। वही किसानों को इस बात की चितां सता रही है कि अगर समय से बारिश नहीं हुयी तो उत्पादन कम होगा व लागत में वद्वि होगी। किसानों का कहना है कि आषाढ में बारिश नही होने से धान की रोपाई सहित अन्य फसल की बुवाई लेट हो गयी है। जहां हरेला पर्व सावन के शुरू में तक धान की पौध की रोपाई निपट जाती थी। वर्षा के न होने पर रोपाई व अन्य फसल की बुवाई लेट हो गयी है किसान विरेन्द्र कुमार,टीका राम, बिशन सिंह विष्ट, प्रताप सिंह, आनन्द बिष्ट, इन्द्र अटवाल, भीम कुमटीया, अर्जुन सिंह, नारायण सिंह काक करनैल सिंह, सुरेश चंद, रमेश, कुबेर खाती, जाकिर हुसैन, हेम तिवारी, लक्ष्मण सिह देउपा, राम सिंह बोरा, राजेन्द्र राठौर, चंदन साह, भाष्कर बिष्ट, त्रिलोक सिंह, किशन गिरी, जगदीश चंद्र ने बताया कि मानसूनी वर्षा न होने से धान की फसल को सूखने से बचाना मुश्किल हो गया है।

सिंचाई नहर में पानी कम होने सिचाई के लिए पानी नही मिल पा रहा है। जिसस मध्यम व छोटे किसानों के सामने बड़ी समस्या है ।नलकूप से फसलों की सिचांई काफी महंगी साबित हो रही है। सूख रही धान की फसल, सब्जीया को देख किसान काफी दुखी हैं किसानों का कहना है कि मौसम ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है ।ऐसा ही रहा तो फसलों की पैदावार कम होगी।

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