हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े डा. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में मरीजों के आपरेशन व खून की जांच में बड़े पैमाने पर खेल चल रहा है। मरीजों से खून की जांच के लिए रुपये लेने के बाद उन्हें फर्जी रिपोर्ट भी दी जा रही है। अस्पताल के कुछ चिकित्सकों और कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा यह धंधा मेडिकल कालेज प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ है। राजकीय मेडिकल कालेज से संमद्ध डा. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में मरीजों के आपरेशन व खून की जांच में खेल लंबे समय से चल रहा है। चंद रुपयों के लालच में अस्पताल के कुछ चिकित्सक मरीजों की जान से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कमीशनखोरी का आलम यह है कि चिकित्सक चोरी छिपे भर्ती मरीजों को बाहर की दवाईयां लिखकर कंपनियों से प्रतिमाह अच्छा खासा कमीशन कमा रहे हैं। यही नहीं आपरेशन के लिए भी मरीजों से चहेती कंपनियों से सामान मंगवाया जाता है। इसके एवज में मरीजों को अच्छी खासी रकम चुकानी पड़ती है।
चिकित्सकों के इस गोरखधंधे को देख अस्पताल के कुछ कर्मचारी भी मरीजों को लूटने में लगे हैं। मरीजों से खून की जांच के लिए रुपये लेकर कर्मचारी बाहर से निजी लैब के कर्मचारियों को बुलाकर उन्हें सैंपल देते हैं। इसमें उन्हें अच्छा खासा कमीशन मिलता है। कई बार निजी लैब कर्मचारी फर्जी रिपोर्ट बनाकर मरीजों को सौंप देती हैं। अस्पताल में चल रहे इस धंधे पर नकेल कसने के लिए कालेज प्रशासन ने संदिग्ध चिकित्सकों और कर्मचारियों पर पैनी नजर रखी है। अस्पताल से मरीजों के खून के जांच सैंपल बाहर भेजने का मामला मेरे संज्ञान में है। इस मामले में पहले भी कार्रवाई हो चुकी है। कुछ निजी लैब कर्मचारियों को अस्पताल में चिन्हित किया गया है। पकड़े जाने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। – डा. अरुण जोशी, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कालेज