नैनीताल न्यूज़: ऊर्जा निगम में प्रमोशन न होने से इंजीनियरों में आक्रोश बढ़ रहा है. निगम में जूनियर इंजीनियर से असिस्टेंट इंजीनियर बने जेई संवर्ग और सीधी भर्ती के असिस्टेंट इंजीनियरों के बीच लंबे समय से वरिष्ठता का विवाद चल रहा है. अब हाईकोर्ट ने यूपीसीएल मैनेजमेंट को 19 अप्रैल को वरिष्ठता सूची लौटाते हुए अपने स्तर पर फैसला लेने की छूट दे दी. यूपीसीएल जो भी निर्णय लेगा, वो हाईकोर्ट के भविष्य में आने वाले फैसले के अधीन रहेगा.
उत्तरांचल पावर इंजीनियर एसोसिएशन के महासचिव अमित रंजन ने कहा कि यूपीसीएल में चीफ के तीन, एसई के छह और एक्सईएन के 36 पद खाली हैं. चीफ-एसई के प्रमोशन होने पर एक्सईएन के नौ पद और खाली हो जाएंगे. इसके बाद भी महीनों से प्रमोशन नहीं किए जा रहे हैं. उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन के महासचिव पवन रावत ने कहा कि इन प्रमोशनों से यूपीसीएल पर कोई वित्तीय भार भी नहीं पड़ने वाला क्योंकि सभी इंजीनियर पहले से पदोन्नत पद का वेतनमान ले रहे हैं. एसोसिएशनों ने प्रबंधतंत्र पर इंजीनियरों को पूर्व में जारी चार्जशीट का भी निस्तारण न करने का आरोप लगाया. इंजीनियरों ने कहा कि न तो सुनाई जा रही सजा और न क्लीन चिट दी जा रही है. इससे इंजीनियरों के एसीपी से जुड़े मुद्दे भी लटके हैं. इस संबंध में यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि वरिष्ठता निर्धारण के मसले पर शासन स्तर से अपर सचिव ऊर्जा की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है. समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी.