कर्मचारियों ने हड़ताल पर रोक को गलत ठहराया

Update: 2023-06-20 12:30 GMT

नैनीताल न्यूज़: राज्य सरकार के हड़ताल पर छह माह के लिए रोक लगाने पर कर्मचारी नेता बिफर पड़े हैं. उन्होंने इसे गलत ठहराते हुए कहा कि पूर्व में हुए समझौता पर अमल से बचने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.

निकाय व लोकसभा चुनाव के चलते विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगों का हल कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था. कर्मचारी संगठनों ने कहा कि इसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने सरकार से फैसले पर पुनर्विचार को कहा है.

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

● एसीपी की व्यवस्था पूर्व की भांति 10,16 व 26 हो

● प्रमोशन में शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल हो

● गोल्डन कार्ड के अंतर्गत ओपीडी में कैशलेस इलाज हो

● पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए

● केंद्र सरकार के तरह एलटीसी व टीए बिल का भुगतान हो

●जूनियर इंजीनियर को 10 साल की सेवा पर मिले 5400 ग्रेड पे

● सहायक अभियंताओं को भी वाहन भत्ते का लाभ मिले

कर्मचारियों को बांधना नैतिक रूप से गलत है. सरकार कर्मचारी संगठनों की मांगों पर समय पर हल कर देती है तो फिर हड़ताल की क्या जरूरत है.

- प्रताप सिंह पंवार

उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन

सीएम के आश्वासन के बाद इंजीनियरों ने हड़ताल स्थगित की है. 15 दिन में मांगों का समाधान नहीं होता है तो हड़ताल की रणनीति बनाएंगे. -मुकेश रतूड़ी, प्रदेश महासचिव उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ

सरकार का यह कर्मचारियों को जानबूझकर उकसाने का तरीका है. कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने का कोई शौक नहीं है. कर्मचारी संगठनों की मुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव से वार्ताओं के सहमित के बिंदु लागू भी होने चाहिए. -अरुण पांडे, प्रदेश अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद

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