हल्द्वानी न्यूज़: गौलापार क्षेत्र में इन दिनों प्रगतिशील किसान नरेंद्र सिंह मेहरा के घर के आंगन में लगा आठ फुट लंबा टमाटर का पौधा कौतुहल का विषय बना हुआ है। हैरानी की बात ये है कि पौधे को मेहरा ने नहीं लगाया, बल्कि स्वयं ही उगा है। जिसे देखने के लिए लोग उनके घर पहुंच रहे हैं।
प्रगतिशील किसान नरेंद्र सिंह मेहरा बताते हैं कि कुछ माह पूर्व उन्हें अपने घर के आंगन में एक टमाटर का पौधा दिखा। जिसे उन्होंने संरक्षित करते हुए उसकी देखभाल शुरू कर दी। देखते ही देखते पौधे की लंबाई बढ़ते लगी, जो वर्तमान में आठ फुट लंबा हो चुका है।
मेहरा ने बताया कि टमाटर के पौधे में करीब 4 किलो से अधिक टमाटर लदे हैं और करीब 1 से 2 किलो वह पहले तोड़ चुके हैं। कहा कि, टमाटर के पौधे में किसी प्रकार की रासायनिक खादों और रसायनों का प्रयोग नहीं किया गया है। जो लोग पौधे को देखने आ रहे हैं, उनसे बीज की मांग कर रहे हैं।
आमतौर पर टमाटर की खेती वर्ष पर्यंत की जाती है। बात नैनीताल जनपद की करें तो भाबरी क्षेत्र में इसकी खेती बरसाती टमाटर और जाड़ों के टमाटर के रूप में की जाती है। जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में टमाटर लगाया जाता है। कृषि वैज्ञानिकों की माने तो सामान्यत: टमाटर के पौधे का जीवनकाल लगभग 90 से 100 दिन का होता है। शुरू में एक पौधे से लगभग 15 से 20 किलो टमाटर तक उत्पादन लिया जाता था। जो अब घटकर 2 से 3 किलो रह गया है। किसान अधिक उत्पादन के लालच में हाइब्रिड बीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे परंपरागत देसी बीज विलुप्त हो गए हैं।
किसान नरेंद्र मेहरा के घर जाकर जल्द पौधे को देखा जायेगा। इसके फल का बीज बनाकर अगली पीड़ी में लगाया जायेगा। दोबारा फल आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो पायेगी कि बीज हाईब्रिड है या सामान्य। - डॉ. विजय दोहरे, प्रभारी, कृषि विज्ञान केंद्र ज्योलीकोट