शिक्षा विभाग ने किताबों की छपाई के लिए चयनित कंपनियों से किया एमओयू

Update: 2023-04-10 07:18 GMT

देहरादून न्यूज़: राज्य के सरकारी व सहायताप्राप्त अशासकीय स्कूलों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त किताबें 15 जुलाई तक ही मिल पाएंगी. इन किताबों को प्रकाशित करने के लिए चुनी गई हल्द्वानी की दो कंपनियों के साथ शिक्षा विभाग ने करार की प्रक्रिया पूरी की. विभाग की ओर से एमओयू पर अपर निदेशक-माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट ने हस्ताक्षर किए.

उत्तराखंड में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को देने के लिए 46 लाख से अधिक किताबें छापी जानी हैं. विभाग ने चयनित दोनों कंपनियों को ये किताबें छापने के लिए 75 दिन का वक्त दिया है. इस बार छात्रों तक किताबें समय पर पहुंचाने को भी नई व्यवस्था की गई है. बिष्ट ने बताया कि पहले कंपनियां, किताबें सीईओ दफ्तर में जमा कराती थीं. इस बार एमओयू से इस पहलू को हटा दिया गया है. अब कंपनियों को मांग के अनुसार किताबें बीईओ दफ्तर तक पहुंचानी होंगी. इससे सीईओ कार्यालय से बीआई कार्यालय तक किताबें भेजने का वक्त बच जाएगा.

कक्षा नौ से 12 तक की किताबें अटकीं उधर, कक्षा नौ से 12तक के बच्चों को बांटी जाने वाली किताबों पर शासन अब तक निर्णय नहीं ले पाया. सूत्रों के अनुसार, माध्यमिक स्तर की किताबों की फाइल शिक्षा मंत्री के कार्यालय भेजी गई है. वहां से अनुमोदन के बाद ही इस संबंध में आदेश होंगे.

प्रिंटिंग कंपनियों ने 75 दिन से पहले किताबें छापकर देने का वादा किया है. कोशिश है कि जुलाई के पहले हफ्ते तक हर छात्र को किताबें मुहैया करा दी जाएं. फिलहाल, शिक्षकों को स्कूलों के बुकबैंक में उपलब्ध किताबों से पढ़ाई कराने के निर्देश दिए गए हैं. -महावीर सिंह बिष्ट, एडी माध्यमिक

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