हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी से शारदा नदी का जल स्तर गिरने से बिजली उत्पादन हुआ धड़ाम
खटीमा: उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी से नदियों का जल स्तर गिरने से बिजली उत्पादन धड़ाम हो गया है। शारदा का जल स्तर न्यूनतम 6,907 क्यूसेक दर्ज हुआ। तराई के सबसे पुराने लोहियाहेड पावर हाउस में 45 मेगावाट पर मात्र 30 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। देहरादून कंट्रोल रूम के निर्देश पर क्षेत्र में भी शुक्रवार को ग्रामीण में तीन व नगर क्षेत्र में दो घंटे की बिजली कटौती की गई।
बता दें कि हिमालयी नदियों में सर्दी के मौसम में बर्फबारी व कड़ाके की ठंड का असर जल स्तर पर पड़ता है। जल स्तर कम होने से उस पर निर्भर जल विद्युत परियोजनाओं का बिजली उत्पादन प्रभावित होता है। ताजा मामले में कड़ाके की ठंड व उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी से शारदा नदी का जल स्तर भी गिर गया है।
लोहियाहेड पावर हाउस के डीजीएम महकार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को नदी का जल स्तर बनबसा में न्यूनतम 6,907 क्यूसेक होने पर लोहियाहेड पावर हाउस की नहर में 6,403 क्यूसेक पानी मिला। इसमें बिजली उत्पादन क्षमता 45 मेगावाट में मात्र 30 मेगावाट पर मशीनें चलीं। बताया कि अभी उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी से जल स्तर में और कमी होने की संभावना है।
इधर, बिजली उत्पादन में कमी का असर कटौती के रूप में सामने आ रहा है। बिजली विभाग के एसडीओ अंबिका यादव ने बताया कि देहरादून कंट्रोल रूम के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्र में तीन व नगर क्षेत्र में दो घंटे बिजली कटौती की गई। उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।