देहरादून न्यूज़: इन दिनों उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में मॉनसून की बारिश आफत बनकर टूट रही है। जगह-जगह बादल फटने के कारण तबाही मच रही है। रुद्रप्रयाग के दूरस्थ क्षेत्र जखोली के घरड़ा गांव में बादल फटने से हिलाउं नदी उफान पर आ गई है। हिलाउं नदी के उफान पर आने से त्यूंखर गांव में हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह हो गई। लगातार हो रही बारिश से ग्रामीण डर के साए में जी रहे हैं। रुद्रप्रयाग के त्यूंखर और घरड़ा गांव में बादल फटने से ग्रामीणों के घरों में भी मलबा घुस गया। ग्रामीणों ने किसी तरह अपनी जान बचाई। त्यूंखर गांव में नदी किनारे स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर का भी आधा हिस्सा नदी के तेज बहाव में बह गया है। रात के समय मंदिर के पुजारी ने किसी तरह से अपनी जान बचाई। मंदिर और गांव को जोड़ने वाले पुल भी आपदा की भेंट चढ़ गया है। इसके अलावा भैरवनाथ मंदिर भी नदी में बह गया है।
जिले के विकासखंड जखोली के विभिन्न गांवों में आपदा से भारी नुकसान हुआ है। दूसरी तरफ तिलवाड़ा-मयाली-घनसाली राज्य मार्ग भी मरडीगाड़ के पास गदेरे के उफान पर आने से बंद हो गया है। यहां सड़क किनारे बना एक ढाबा भी गदेरे के उफान पर आने से बह गया है। राज्य मार्ग बंद होने से दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंस गए हैं। इसके अलावा जखोली क्षेत्र में आपदा राहत बचाव कार्य के लिए जा रहे एनडीआरएफ एवं आपदा प्रबंधन की टीम भी मौके पर फंसी है। लोक निर्माण विभाग रुद्रप्रयाग की ओर से जेसीबी मशीन राज्य मार्ग पर आए मलबे को साफ करने में जुटी है, जो नाकाफी साबित हो रही है।