जनता से रिश्ता वेबडेस्क : चम्पावत में साल दर साल युवाओं में नशे की लत बढ़ती जा रही है। तमाम प्रकार से नशे के प्रति जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं लेकिन इसका युवाओं पर कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। हाल यह है कि बीते पांच सालों में 550 से अधिक युवा चम्पावत के नशा मुक्ति केंद्र में उपचार को पहुंचे। वर्तमान में 39 लोगों का इस केंद्र में नशा छुड़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
उत्तराखंड के आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्रों में भी नशा तेजी से पांव पसार रहा है। जिनमें चम्पावत जिला भी शामिल है। नशे की लत जिले में यहां तक पहुंच गई कि इसी साल नशे के आदी टनकपुर क्षेत्र के एक नशेड़ी युवक को उसके पिता ने 15 हजार रुपये का लोहे का पिंजरा बना कैद करने को मजबूर होना पड़ा था।ऐसे कई परिवार हैं जो नशेड़ी संतान के कारण बर्बाद होने की कगार पर है। चम्पावत के नशा मुक्ति केंद्र के संचालक दीपक जोशी ने बताया कि साल-दर-साल नशा छोड़ने को आने वाले युवाओं की तादाद बढ़ रही है। भारत-नेपाल सीमा होने के चलते मादक पदार्थो की तस्करी जिले में जोरों से होती है। उन्होंने बताया कि नशा करने वाले अधिकांश युवा 20 से 35 साल की उम्र के हैं।
source-hindustan