कपकोट में अतिवृष्टि से आपदा जैसे हालात, कई पुलिया ध्वस्त, दर्जनों सड़कें बंद

Update: 2022-07-10 16:20 GMT

बागेश्वर: जिले के कपकोट तहसील के मुनार, रिखाड़ी, शामा क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से हालात बेहाल हो गए हैं. रिखाड़ी और मुनार में तीन पैदल पुलिया ध्वस्त होने से आवाजाही ठप हो गई है. मुनार में दर्जनों घरों एवं दुकानों में मलबा घुस गया है. वहीं, रेखाड़ी में सड़क पर बोल्डर, मलबा आने से 2 दर्जन से अधिक वाहन फंस गए हैं. रिखाड़ी में स्कूलों व आवासीय क्षेत्रों को जोड़ने वाली पुलिया भी मलबे की चपेट में आ गई. मजबूरी में लोग जान जोखिम में डालकर नाले, गदेरों से आवाजाही कर रहे हैं.

क्षेत्र में भारी बारिश की सूचना पर क्षेत्र के विधायक कपकोट एवं एसडीएम कपकोट ने वहां का दौरा किया. उनके दौरे के दौरान क्षेत्र के लोगों ने उन्हें बताया कि रिखाड़ी में दो घराट ध्वस्त हो गए हैं. भूस्खलन से मल्ला रिखाड़ी के लिए खतरा पैदा हो गया है. तल्ला रिखाड़ी में 6 मकान और 10 दुकानों में मलबा घुस गया है.

शामा बाजार के पास सड़क टूटने से करीब 10 ग्रामीण क्षेत्रों की आवाजाही ठप हो गई. काला पैरकापड़ी की पेयजल लाइन ध्वस्त हो गई है. लगातार हो रही बारिश की वजह से सरयू और गोमती नदी उफान पर हैं. सुबह की जानकारी तक सरयू का जलस्तर 866.17 मीटर और गोमती का जलस्तर 862.10 मीटर था. दोनों नदियों का चेतावनी स्तर 869.70 मीटर है. सरयू के उफान पर आने से बागेश्वर में बागनाथ मंदिर के पास तक नदी का पानी पहुंच गया था. सरयू घाट पर जल पुलिस लोगों को नदियों से दूर रहने की अपील कर रही है.

सांसद अजय टम्टा ने अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक: सांसद अजय टम्टा ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों बसकूना, असो सहित कई गांवों का दौरा किया. इस दौरान आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया. सरकारी तथा गैर सरकारी संपत्ति के नुकसान की जानकारी जुटाई. सांसद ने कपकोट में आपदा से हुए नुकसान को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि 28 जून को हुई अतिवृष्टि से बसकूना,असो समेत क्षेत्र में भारी तबाही हुई है. इससे सड़क, बिजली, पानी का संकट बना है. टम्टा और स्थानीय विधायकआपदा प्रभावित गांव पहुंचे. यहां पहुंचने के लिए उन्हें कई गधेरों से पैदल भी जाना पड़ा.


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