हरिद्वार न्यूज़: कांवड़ यात्रा के दौरान गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों को जाने वाले शिवभक्त कांवड़ियों को इस वर्ष कांवड़ खरीदने के लिए ज्यादा दाम चुकाने पड़ेंगे. इस वर्ष महंगाई का असर कांवड़ के निर्माण पर पड़ा है. कांवड़ बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री महंगी मिल रही है. इस वजह से कांवड़ के निर्माण के खर्च में इजाफा हो गया है.
कांवड़ बनाने में उपयोग होने वाले बांस, कपड़ा, सजावट का सामान, डंडा, टोकरी, छींका आदि सभी सामग्री के दाम पहले की तुलना में इस बार काफी बढ़ गए है. महंगी सामग्री के करण कांवड़ को बनाने वाले कारीगर को कांवड़ निर्माण के लिए अतिरिक्त रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. ग्हरिद्वार पहुंचे शिवभक्त कांवड़िये भीम सिंह, मुकुल, अनिकेत, सुनील आदि का कहना है कि इस वर्ष कांवड़ के दाम काफी बढ़े हुए हैं. कांवड़ के लिए दोगुना रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं.
क्या कहते हैं कारीगर
ज्वालपुर के कांवड़ बनाने वाले कारीगर सिकंदर, नईम, शहजाद, लीला चौधरी, मेहबूब आदि का कहना है कि कांवड़ बनाने की सामग्री महंगी हो गई है. एक साल पहले सभी प्रकार की कांवड़ बनाने का खर्चा औसतन 300 रुपये प्रति कांवड़ आता था. इस वर्ष कांवड़ के निर्माण में औसतन 500 से 600 रुपये प्रति कांवड़ तक खर्च करने पड़ रहे हैं. महंगाई के कारण इस बार कांवड़ियों को कांवड़ दो गुना महंगे दामों तक मिल रही है. कांवड़ के लिए बांस असम से और सजावट का सामान दिल्ली से लाना पड़ता है. कांवड़ के दौरान शिवभक्त छींके वाली कांवड़ का उपयोग सबसे अधिक करते है.
कितनी महंगी हुई कांवड़
कांवड पिछले वर्ष के दाम वर्तमान दाम
छींके वाली 180 300
टोकरी वाली 200 300
एक मंदिर 150 300
दो मंदिर 400 600
तीन मंदिर 800 1000
चार मंदिर 1000 2000
कांवड़ मोर 20000 25000
कांवड़ पालकी 25000 30000
नोट दाम रुपये में दिए गए हैं.