बढती संख्या के मद्देनजर केदारनाथ, बदरीनाथ के निकटवर्ती स्थलों को विकसित करें
देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केदारनाथ और बदरीनाथ में आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के मद्देनजर दोनों धामों के निकटवर्ती स्थलों को भी विकसित करना होगा।
वर्चुअल माध्यम से बदरीनाथ मास्टर प्लान एवं केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में दोनों धामों में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ेगी। बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव एस एस संधू भी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने कहा कि केदारनाथ के निकटवर्ती स्थान भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने होंगे।
मोदी ने कहा कि वासुकीताल, गरूड़ चट्टी, लिंचोली और उनके आस-पास श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से क्या किया जा सकता है, इसकी पूरी योजना तैयार की जाए। इसके अलावा उन्होंने रामबाड़ा और केदारनाथ के बीच श्रद्धालुओं को ठहरने एवं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की ओर भी ध्यान देने को कहा। प्रधानमंत्री ने इसी प्रकार बदरीनाथ के साथ ही माणा गांव और आस-पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना बनाने को कहा।
उन्होंने कहा कि इनमें स्थानीय संस्कृति एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर अर्थव्यवस्था का अच्छा मॉडल बनाया जा सकता है। मोदी ने सरकारी व्यवस्थाओं के साथ जन सहयोग को भी जरूरी बताया। धामी ने कहा कि दोनों धामों में तेजी से कार्य चल रहे हैं और दिसंबर 2023 तक सभी कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस साल अभी तक 35 लाख से अधिक पंजीकृत श्रद्धालु चारधाम यात्रा में आ चुके हैं।
मुख्य सचिव ने निर्माण कार्यों का प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि केदारनाथ में प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं जबकि द्वितीय चरण में 188 करोड़ रू के 21 कार्य किये जा रहे है और तीन कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं।
द्वितीय चरण के छह कार्यों को दिसंबर 2022 तक और बाकी 12 कार्यों को जुलाई 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ में भी मास्टर प्लान के अनुसार तेजी से कार्य हो रहे है जहां शीश नेत्र झील एवं बद्रीश झील का कार्य तीन माह में में पूर्ण हो जायेगा जबकि नदी विकास परियोजना का कार्य जून 2023 तक पूर्ण हो जायेगा।