नीतिगत फैसलों की फाइल को अब अटका नहीं सकेंगे विभाग, हाई पावर कमेटी गठित

Update: 2023-03-28 14:07 GMT

देहरादून न्यूज़:  सचिवालय में नीतिगत से संबंधित मामलों की फाइलें सरपट दौड़ेंगी परामर्श विभागों को इनमें अनिवार्य रूप से 15 दिन के भीतर अपनी टिप्पणी देनी होगी अन्यथा, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी में ये मामले स्वत ही हस्तांतरित हो जाएंगे

सरकार ने सरलीकरण प्रक्रिया के तहत शासन स्तर पर त्वरित निर्णय लेने को यह कदम उठाया है मुख्य सचिव डा. एसएस संधु की तरफ से यह आदेश किए गए हैं अभी तक प्रशासकीय विभाग नीतिगत मामलों पर राय के लिए परामर्शी विभागों को जो प्रस्ताव भेजते थे, उनमें लंबा समय लगता था इस वजह से योजनाओं के क्रियान्वयन में भी विलंब होता था

अब वित्त, कार्मिक, न्याय और विधायी विभागों को परामर्शी विभागों के फाइलों का निस्तारण 15 दिन के भीतर करना होगा ऐसी फाइलों के बाहर तत्काल, शीर्ष प्राथमिकता का भी उल्लेख करना होगा संबंधित फाइलों में अपर सचिव रैंक और इससे ऊपर के रैंक के अफसर ही टिप्पणी दर्ज कर सकेंगे यदि संबंधित परामर्श विभागों ने इस अवधि में जवाब नहीं दिया तो फिर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एचपीएस तीन दिन के भीतर इन फाइलों का निस्तारण करेगी कमेटी का निर्णय अंतिम माना जाएगा

इसके बाद परामर्शी विभागों के औपचारिक टिप्पणी लेने की जरूरत नहीं होगी इस कमेटी में सबंधित प्रशासकीय विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव में कोई एक सदस्य सचिव और विषयों की प्रासंगिकता के हिसाब से परामर्शी विभाग के एसीएस या प्रमुख सचिव सदस्य होंगे

धामी सरकार की सरलीकरण को प्राथमकिता: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सरकार का सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि मूलमंत्र है बार-बार मुख्यमंत्री अफसरों को इस मंत्र पर काम करने के निर्देश दे चुके हैं, ताकि नो पैंडेसी रहे और जनता को समय पर विकास योजनाओं का लाभ मिल सके इसी क्रम में मुख्य सचिव डा. संधु की तरफ से सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को यह हिदायत दी है उन्होंने वित्त विभाग को यह जिम्मेदारी भी दी है कि वह अन्य परामर्शी विभागों के लिए सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए मानक प्रारूप तैयार करेगा और इसे प्रशासकीय विभागों को भेजेगा

ये होगी समय सारिणी:

15 दिन में परामर्शी विभाग फाइलों को मंजूरी देगा

03 दिन- सहमति न मिलने की दशा में एचपीसी की मिलेगी हरी झंडी

03 दिन-अनुमोदन मिलने के बाद प्रशासकीय विभाग प्रस्ताव बनाएगा

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