उत्तराखंड : सीएमएस चिकित्सकों का पंजीकरण करने का प्रावधान शासन में शामिल करने की मांग
कम्यूनिटी मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : कम्यूनिटी मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र कुमार शर्मा ने प्रेस क्लब सभागार में प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि सीएमएस डिप्लोमा धारक डॉक्टर ग्रामीण, पिछड़े, पर्वतीय क्षेत्र और दूर दराज के निर्धन, असहायों, वृद्धजनों और विकलांगों को 24 घंटे अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। सस्ती और सुलभ चिकित्सा के बाद भी सीएमएस डिप्लोमा धारक डॉक्टर का प्रशासनिक उत्पीड़न होता रहता है। यह डॉक्ट प्रदेश में हेल्थ केअर तो खोल सकते है, लेकिन इनका पंजीकरण नहीं होता है। सीएमएस डिप्लोमा सुप्रीम कोर्ट से मान्यता प्राप्त है। डब्ल्यूएचओ से निर्धारित 99 औषधियों से इलाज किया जाता है। उनकी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के लीगल स्टेटस के तहत सीएमएस डिप्लोमाधारक डॉक्टर्स का भी शासन में पंजीकरण किया जाए। प्रेस वार्ता के दौरान डॉ. यासीन, डॉ. नफीस, डॉ. गोपाल, डॉ. मन कुमारी गौतम, डॉ. राहुल, डॉ. दिलशाद, डॉ. तरुण, डॉ. जोगिंद्र, डॉ. रमा, डॉ. पिंकी, डॉ. वीरेंद्र, डॉ. मुरसलीम, डॉ. इकराम, डॉ. खुर्शीद आदि मौजूद रहे।