नैनीताल न्यूज़: पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग को स्वीकार न करने से नाराज कांग्रेस विधायकों ने हंगामा करते हुए सदन का बायकाट किया. संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दृढ़ता से कहा कि सरकार पेपर लीक मामले में बेहद गंभीर है. दोषियों को गिऱफतार किया गया है और उनकी संपत्ति जब्त की गई है. देश का सबसे कड़ृा नकल विरोधी कानून भी सरकार ने बनाया है.
आज प्रश्नकाल के दौरान बेरोजगारी और पेपर लीक मामले की जांच को लेकर कांग्रेस कामरोको प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की थी. जिसे विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने नियम 58 के तहत सुनने के लिए स्वीकार कर लिया. बजट पेश होने के बाद शाम को सदन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इस मुद़दे पर चर्चा की शुरूआत की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगार त्रस्त हैं. सरकारी भर्तियों में पेपर लीक हो रहे हैं. युवा सरकार से इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की माग कर रहे हैं, लेकिन सरकार मान नहीं रही. हालात यह है कि यदि कोई विरोध करता है उसके उत्पीड़न का काम हो रहा है. हाल यह है कि जबरा मारे और रोने भी न दे. पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश के डीजीपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति पेपर लीक का अपराधी है, डीजीसी उसे व्यक्ति के रिसोर्ट में जाकर रहने का काम करते हैं. जब कानून के रखवाले इस प्रकार अपराधियों को संरक्षण देंगे तो कैसे काम होगा? इसीलिए एक सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की जा रही है. यदि पेपर लीक के प्रकरण हमारी सरकार के कार्यकाल के हैं तो सीबीआई जांच की मांग भी तो हम ही कर रहे हैं. सरकार जांच क्यों नहीं कराती?कांग्रेस विधायक दल के उपनेता भुवन कापड़ी, विधायक आदेश चौहान, वीरेंद्र कुमार जाती, अनुपमा रावत, गोपाल सिंह राणा, हरीश धामी, सुमित ह्दयेश, आदि ने भी बेरोजगारी और पेपर लीक पर सरकार पर निशाना साधा.