देहरादून: रिलायंस टावर लगाने के नाम पर 2 आरोपी कोलकाता से गिरफ्तार, 14 लाख की ठगी का मामला
उत्तराखंड क्राइम न्यूज़ अपडेट: ऑपरेशन त्रिनेत्र के अंतर्गत एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन उत्तराखंड में रिलायंस जीयो टॉवर लगाकर लाभ कमाने के नाम पर 14 लाख की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के मुख्य आरोपित को दो सहयोगियों के साथ कोलकाता पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है। एक हफ्ते के भीतर देश के विभिन्न क्षेत्रों जैसे भोपाल, हैदराबाद, कोलकाता और दिल्ली से साइबर आरोपितों की धरपकड़ की गई है। आरोपित मनीष दास अपनी महिला मित्र के माध्यम से फोन कॉल कराकर साइबर अपराधों को अंजाम देता था। देश भर में विभिन्न साइबर अपराधों के लिए इस्तमाल लैपटॉप, 05 मोबाइल फोन्स,13 फर्जी सिम कार्ड,07 डेबिट कार्ड्स भी बरामद किए गए हैं। साइबर अपराधों के लिए आरोपित ने विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त किया हुआ है। पहले 250 लोगों के साथ काम शुरू किया गया, जिसमें 20 लोग पकड़े गए बाद में आरोपित ने खुद किया काम शुरू कर दिया था। आरोपित ने वर्ष 2016 से लोगों के साथ साइबर ठगी प्रारंभ की। पहले वह साइबर ठगी के लिए वेतन पर काम करता था और अब अपने आप सरगना बनकर अपराध करने लगा। आरोपित को धारा 41-क का नोटिस दे दिया गया है।
इस घटनाक्रम के संबंध में साइबर क्राइम पुलिस को शिकायतकर्ता अतर सिंह पुत्र जटी सिंह रायपुर ने शिकायत की थी। उन्होंने लिखा था कि रिलायंस जीयो टावर लगाकर लाभ कमाने का लालच देकर शिकायतकर्ता से 14 लाख रुपये की धनराशि विभिन्न खातों के माध्यम से हड़पी गई है। मामले की जांच निरीक्षक देवेंद्र नबियाल को सौंपी गई। उन्होंने शिकायतकर्ता की शिकायत पर भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आफ बड़ौदा व बंधन बैंक के खातों में जमा उक्त राशि के साक्ष्य एकत्रित किए और आरोपित मनोज कुमार दास पुत्र माधवकृष्ण दास कोलकाता पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार किया गया। उनके साथ अन्य आरोपित दूध कुमार हलधर पुत्र अमेंद्र हलधर कोलकाता पश्चिम बंगाल तथा पूजा चक्रवर्ती पुत्री सजल चक्रवर्ती को भी गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपित ने अपनी महिला मित्र पूजा चक्रवर्ती को एक डायरी दी थी, जिसमें वादी को फोन कर रिलायंस टावर लगाने का झांसा देकर जाल में फंसाया जाता था और उनसे रकम हड़प ली जाती थी। निरीक्षक देवेंद्र नबियाल की टीम ने आरोपितों को हिरासत में ले लिया है। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वह किसी इस तरह के प्रलोभन में न फंसे ताकि इस तरह की घटनाएं न हों।