नीट में बेटियों ने हौसलों से लिखी सफलता की इबारत

Update: 2023-06-17 10:24 GMT

ऋषिकेश न्यूज़: नीट यूजी के परीक्षा परिणामों में एक बार फिर उत्तराखंड की बेटियों ने खुद को साबित किया है. इनमें से कई बेटियों ने गुरबत के बावजूद अपने हौसलों से सफलता की नई इबारत लिखी.

दून की जसलीन कौर और ऋषिकेश की विदूषी नौटियाल की कहानी ऐसी ही संघर्षों की कहानी है. विदूषी ने बताया कि उन्होंने एसबीएम पब्लिक स्कूल से 2017 में बारहवीं की. इसके बाद उन्होंने नीट यूजी की तैयारी शुरू की. 2018 में पहले प्रयास में 375,2019 में 420,2020 में 441,2021 में 514 और 2022 में 536 अंक हासिल किए. उनका इस बीच पंतनगर में वेटरनरी में दाखिला हो गया था. लेकिन कुछ समय बाद उसे छोड़कर वापस आ गई. क्योंकि सपना तो एमबीबीएस डॉक्टर बनने का था. इस बार उन्होंने ज्यादा मेहनत से 578 अंक हासिल किए हैं. विदूषी के पिता जितेंद्र नौटियाल का 2012 में निधन हो गया था. बाद में मां संध्या नौटियाल ने एसबीएम स्कूल में ही शिक्षिका की नौकरी से घर का खर्च चलाया. एक बेटे और विदूषी को पढ़ाया. विदूषी के लगन और टैलेंट को देखते हुए बलूनी क्लासेज में उसे काफी रियायती दर पर कोचिंग मिली.

वहीं गोविंदगढ़ निवासी जसलीन कौर ने भी कड़ी मेहनत और आर्थिक तंगी के बावजूद नीट में दूसरे प्रयास में 588 अंक लेकर सफलता पायी. जसलीन कौर ने एसजीआरआर बिंदाल से 2021 में 94 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं की. इसके बाद तैयारी में जुट गई. पहले प्रयास में 403 अंक हासिल किए थे. जसलीन ने बताया कि पापा सतनाम सिंह सैनी टैक्सी चलाते हैं. उसी से उनके घर का खर्च चलता है. इसी से जैसे तैसे बलूनी क्लासेज में कोचिंग शुरू की थी. उसी से उन्होंने इस बार अच्छे अंकों से सफलता हासिल की. जसलीन आगे ऑनकोलॉजी में स्पेशलाइजेशन करना चाहती हैं. जोगीवाला निवासी आकृति ने भी 580 अंक लेकर नीट में सफलता पायी. आकृति की प्रारंभिक शिक्षा सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल से हुई. उनकी पिता सतीश प्रसाद सरकारी शिक्षक हैं और वर्तमान में कीर्तिनगर टिहरी में तैनात हैं. जबकि मां लखपति देवी गृहणी हैं.

आकृति ने बलूनी क्लासेज से तैयारी की. जिस कारण 2022 में 519 अंक हासिल किए.

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