बेटी
उसको भी जीने का हक था।
जिसके आने से पहले ही कर दी विदाई।।
उसकी तो कोई गलती नहीं थी।
जो इस संसार को ही न देख पाई।।
उसने भी पाए थे मां- बाप और भाई।
मगर इस संसार में ही वो न आ पाई।।
तुम्हारी तरह उसे भी भेजा था ईश्वर ने।
फिर क्यूं तुमने उससे पीछा छुड़ाई।।
जब सामने तुम्हारे थी वो आई।
इसलिए उसकी कर दी दुनिया से विदाई।।
चरखा फीचर
कुमारी तानिया
चोरसौ, गरुड़
बागेश्वर, उत्तराखंड