Dehradun देहरादून: उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को सचिवालय में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ बैठक की और राज्य में ई-कचरा प्रबंधन को लेकर सख्त निर्देश दिए। बैठक के बाद उन्होंने सभी सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और मेडिकल अपशिष्ट निपटान के लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उन सभी सरकारी विभागों को नोटिस जारी करने जा रहा है, जिनके पास अनावश्यक रूप से ई-कचरा जमा है, जैसे अनुपयोगी पुराने कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर और मोबाइल। सचिवालय में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ई-कचरा प्रबंधन को लेकर सख्त निर्देश दिए। राधा रतूड़ी ने सभी सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और मेडिकल अपशिष्ट निपटान के लिए प्रभावी प्रणाली विकसित करने के सख्त निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं निपटान के कार्य में लगे सफाई कर्मचारियों को हैंड ग्लव्स, मास्क, गमबूट तत्काल उपलब्ध कराए जाएं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पर्यावरण प्रतिपूर्ति निधि के उपयोग के संबंध में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट के संग्रहण, भंडारण, परिवहन एवं प्रसंस्करण के लिए अवस्थापना सुविधाएं सृजित करने, नाडेप पिट्स के माध्यम से जैव उर्वरकों का उत्पादन करने, वृहद स्वच्छता अभियान को प्रोत्साहित करने, सैनिटरी अपशिष्ट एवं घरेलू खतरनाक अपशिष्ट के संग्रहण एवं निपटान की व्यवस्था करने तथा कूड़ा बीनने वालों के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जब्त एसयूपी के परिवहन, रिसाइकिलिंग एवं निपटान के भी निर्देश दिए हैं। Medical
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने ऐसे व्यक्तियों, एनजीओ एवं संस्थाओं को पुरस्कृत एवं प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं जो प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कार्य कर रहे हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने बायोमेडिकल अपशिष्ट के पृथक्करण, भण्डारण एवं निस्तारण के सम्बन्ध में पैरामेडिकल कार्मिकों के लिए प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने खतरनाक अपशिष्ट प्रबन्धन के अन्तर्गत ऐसे व्यक्तियों के लिए कौशल विकास एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं, जो खतरनाक अपशिष्ट का प्रबन्धन, पुनर्चक्रण एवं पूर्व प्रसंस्करण करते हैं। उन्होंने संभावित खतरनाक अपशिष्ट-दूषित स्थलों का आकलन करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी Chief Secretary Radha Raturi ने निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबन्धन के अन्तर्गत निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट की प्रसंस्करण इकाई की स्थापना एवं उन्नयन के निर्देश दिए हैं। घरेलू अपशिष्ट जल के उपचार के सम्बन्ध में राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट जल उपचार प्रणालियों को यथासम्भव बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ ही सामुदायिक स्वच्छता परिसरों को भी प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने उपचारित जल को पीने के अतिरिक्त अन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग में लाने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। औद्योगिक अपशिष्ट जल के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना के लिए गैप फंडिंग का उपयोग किया जाए। जल स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि बाढ़ क्षेत्र में वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने भूमिगत जल रिचार्ज के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।