महिला सुरक्षा पर मनमथ पर महिला सुरक्षा भंडारी की भीड़
महिलाओं के लिए सुरक्षित अवसाद पर ज़ोर दिया।
धाद संस्था की ओर से एक ज्योतिष संवाद सत्र में महिला सुरक्षा पर मंथली आयोजित की गई। सांख्यिकी ने सांख्यिकी के साथ-साथ कलाकारों, महिलाओं के लिए सुरक्षित अवसाद पर ज़ोर दिया।
उत्तराचल प्रेस क्लब संस्था के संवाद सत्र में महिला मंडल की विशेषज्ञ दीपा कौशलम ने कहा कि महिला उत्पीड़न से जुड़ी हर घटना के बाद हमने यह संकल्प लिया है कि फिर ऐसी कोई व्यवस्था न हो, लेकिन कभी परामर्श, कभी निर्भया तो कभी अशु नौटियाल बार-बार होने वाली घटनाओं के रूप में कहा जाता है कि जमीनी स्तर पर अब भी बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आए हैं। अंकित भंडारी के साथ हुई घटना में पहाड़ की लाखों बेटियों के भविष्य को लेकर कई सवाल पूछे गए हैं। बड़े शहरों में नौकरी के लिए जा रही बेटियों की सुरक्षा की दृष्टि से पढ़ें।
उन्होंने कहा कि समाज में घटने वाली महिला हिंसा और अपराध की घटनाएं हमारी विचारधारा, समझ और धारणाओं पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं। लेकिन सिक्के के मामले में बाहुबली की राजनीतिक पृष्ठभूमि का होना एक महत्वपूर्ण पक्ष है। उसी राजनीतिक सत्य का सिद्धांत सिद्धांतों को स्थापत्य और स्थापत्य प्रक्रिया को अनावृत किया गया है। पर आशा डोभाल, नीना रावत, मुकुंद कृष्ण, सुशील कुमार त्यागी, पीसी नांगिया, मुकेश नारायण शर्मा, चौधरी ढंढोना, ओमवीर सिंह, राजीव पांथरी, रामकृष्ण मुखर्जी, उत्तम सिंह रावत, शिव प्रसाद जोशी, गणेश चंद्र उनियाल, सुभागा देवी, चंद्रभागा शुक्ला मज़ादू थे.