नशा मुक्ति केंद्रों पर नियमों की नकेल जल्द, सभी विभागों से एनओसी जरूरी

Update: 2023-04-21 14:07 GMT

देहरादून न्यूज़: उत्तराखंड में नशा मुक्ति केंद्रों के लिए बनाए गए नियम केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद लागू होंगे. न्याय विभाग की राय के बाद राज्य सरकार ने पॉलिसी का ड्राफ्ट केंद्र सरकार को भेज दिया है.

उत्तराखंड में बड़ी संख्या में नशा मुक्ति और मनोरोग सेंटर चल रहे हैं. इनके संबंध में कायदा-कानून तय नहीं होने से इन केंद्रों में मनमानी चल रही है. बीते कुछ वर्षों से इन केंद्रों में लोगों की मौत के साथ ही अत्याचार और अमानवीय व्यवहार की शिकायतें मिल रहीं हैं. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों को इस संबंध में पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे. सभी विभागों की सिफारिशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर शासन को भेज दिया था. इसे कैबिनेट के जरिए राज्य में लागू करने की योजना थी पर न्याय विभाग की राय के बाद अब पॉलिसी का ड्राफ्ट पहले केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है. केंद्र से मंजूरी के बाद इसे औपचारिक रूप से कैबिनेट में रखा जाएगा और फिर पॉलिसी के नियम राज्य में लागू कर दिए जाएंगे.

सभी विभागों से एनओसी जरूरी नशा मुक्ति केंद्रों के लिए बने ड्राफ्ट में अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराने के साथ सभी विभागों से एनओसी लेने की बाध्यता रखी गई है. साथ ही प्रभावितों के रहने के लिए पर्याप्त जगह, साफ-सफाई, कमरों में टीवी, अखबार, इनडोर गेम, महिलाओं, बच्चों के लिए अलग कमरे आदि की व्यवस्था भी जरूरी होगी. एक बेड के लिए 40 से 50 वर्ग फीट की जगह की अनिवार्यता तय की गई है. इन केंद्रों में प्रमुख जगहों पर सीसीटीवी कैमरे और डाटा का एक माह का स्टोरेज रखना जरूरी होगा. हर मरीज को दो सप्ताह में एक बार मनोचिकित्सक देखेंगे. साथ ही मनोवैज्ञानिक और सामाजिक स्थास्थ्य कार्यकर्ता नियमित तौर पर इन केंद्रों का निरीक्षण करेंगे.

नशा मुक्ति केंद्रों के लिए पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. लेकिन राज्य में इसे लागू करने से पहले केंद्र की मंजूरी जरूरी है. ऐसे में इस ड्राफ्ट को केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है. केंद्र की मंजूरी के बाद ही इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा. -डॉ.आर राजेश कुमार, सचिव स्वास्थ्य

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