देहरादून न्यूज़: गढ़वाल मंडल के बाद अब कुमाऊं मंडल की प्रमुख नदियों का बाढ़ मैदान क्षेत्र का चिह्निकरण शुरू कर दिया गया. सुसवा, कोसी और गोला नदी के करीब 365 किलोमीटर लंबाई क्षेत्र के दोनों और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र को चिह़्िनत किया जाना है. सिंचाई विभाग के एचओडी इंजीनियर जयपाल सिंह के अनुसार इसके बाद राज्य की विभिन्न नदियों के 2200 किलोमीटर लंबाई क्षेत्र को लिया जाएगा. अब तक सिंचाई विभाग गढ़वाल में प्रमुख नदियों में 670 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को बाढ़ मैदान के रूप में तय कर चुका है.
यह होगा फायदा प्रत्येक नदी का बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण होने से उस संवेदनशील क्षेत्र में निर्माण, कृषि आदि के लिए कुछ मानक तय कर दिए जाते हैं. संवेदनशील क्षेत्र में निर्माण कार्यों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाता है. साथ ही भूमि कटाव को रोकने और आबादी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बाढ़ नियंत्रण कार्य के लिए अधिक फोकस किया जाता है.
अब तक घोषित क्षेत्र
अब तक सिंचाई विभाग हरिद्वार में 50 किमी और उत्तरकाशी में 10 किलोमीटर लंबाई क्षेत्र के लिए अधिसूचना जारी कर चुका है. इसके साथ ही गढ़वाल मंडल में भागीरथी, भिलंगना, मंदाकिनी, सरस्वती, अलकनंदा और गंगा में 614 किलोमीटर लंबाई क्षेत्र में बाढ़ मैदान क्षेत्र तय कर अधिसूचित किया गया है.
भावी तैयारी
राज्य की 22 नदियों में बाढ़ के प्रति संवेदनशील विभिन्न क्षेत्रों में 2200 किलोमीटर लंबाई क्षेत्र का अध्ययन किया जाएगा. बाढ़ की संवेदनशीलता के अनुसार इनके क्षेत्र तय किए जाएंगे.