Dehradun देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समुद्र तल से करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश पर योग किया और दुनिया भर के शिव भक्तों को आदि कैलाश के दर्शन के लिए आमंत्रित किया। सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता के कारण आज सीमांत गांवों की तस्वीर बदल रही है। व्यास घाटी में आदि कैलाश, ओम पर्वत, कैलाश दर्शन, काली मंदिर, व्यास गुफा आदि तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भगवान शिव की तपोस्थली पर योग किया और दुनिया भर के पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश के साथ-साथ इस पूरी व्यास घाटी के दर्शन के लिए आमंत्रित किया और साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे देश द्वारा पूरी दुनिया को दी गई ‘योग’ की अमूल्य धरोहर से आज करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इस अवसर पर आइए हम सब मिलकर शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक मजबूती के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने और अन्य लोगों को इसके प्रति जागरूक करने का संकल्प लें।आज योग दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदि कैलाश में योग किया तथा देश-दुनिया के तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश, ओम पर्वत तथा पार्वती सरोवर के दर्शन के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री का यह आह्वान मानसखंड मंदिरमाला मिशन अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की यात्रा ने आदि कैलाश को अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र पर पहचान दिलाई है। चीन सीमा से सटे भगवान शिव के इस निवास स्थान के दर्शन के लिए इन दिनों तीर्थयात्रियों का जबरदस्त तांता लगा हुआ है। पिछले दो माह के आंकड़ों पर नजर डालें तो 25 हजार से अधिक श्रद्धालु आदि कैलाश के दर्शन को पहुंच चुके हैं। आज योग दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदि कैलाश में योग किया तथा देश-दुनिया के तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश, ओम पर्वत तथा पार्वती सरोवर के दर्शन के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री का यह आह्वान मानसखंड मंदिरमाला मिशन अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी पिछले वर्ष 12 अक्टूबर को पिथौरागढ़ जिले के एक दिवसीय दौरे पर आए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री ज्योलिंगकोंग पहुंचे और आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन किए। प्रधानमंत्री मोदी जी के दौरे से आदि कैलाश धाम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है और मानसखंड में धार्मिक पर्यटन को भी नई गति मिली है। यहां पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। इन दिनों हर दिन 1000 से 1500 पर्यटक और तीर्थयात्री ओम पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या से अब यह भी स्पष्ट हो गया है कि पिथौरागढ़ का यह सीमांत क्षेत्र अगले कुछ वर्षों में तेजी से बड़ा पर्यटन स्थल बनने की ओर अग्रसर है। इससे इस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र इन दिनों देश-दुनिया के पर्यटकों से गुलजार हैं। बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री हर दिन आदि कैलाश, पार्वती सरोवर और ओम पर्वत के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। पिथौरागढ़ से ज्योलिंगकांग तक होटल और होमस्टे यात्रियों और पर्यटकों से भरे हुए हैं। यात्री आदि कैलाश, पार्वती सरोवर, गौरी कुंड और ओम पर्वत को देखकर अभिभूत हैं। हर दिन बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री बस, टैक्सी और निजी वाहनों से ही नहीं बल्कि दोपहिया वाहनों से भी धारचूला पहुंच रहे हैं। आदि कैलाश की महानता किसी भी मायने में कैलाश मानसरोवर से कम नहीं है। यहां मानसरोवर झील की तरह पार्वती ताल भी दर्शनीय स्थल है, इसके साथ ही यहां ओम पर्वत के भी दर्शन किए जा सकते हैं। गुंजी तक आदि कैलाश और ओम पर्वत का रास्ता एक ही है। आदि कैलाश के लिए ज्योलिंगकांग और ओम पर्वत के लिए नाभीडांग जाना पड़ता है। ज्योलिंगकांग से ही आदि कैलाश और पार्वती कुंड के दर्शन होते हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद होने के बाद से शिव भक्तों का आदि कैलाश यात्रा के प्रति रुझान बढ़ गया है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीन सरकार से वीजा लेना पड़ता है, जबकि आदि कैलाश भारतीय सीमा में होने के कारण यह यात्रा इनर लाइन परमिट पर ही की जा सकती है। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को इनर लाइन परमिट के लिए इधर-उधर भागना न पड़े, इसके लिए ऑनलाइन परमिट की व्यवस्था की गई है।