देवभूमि देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में शुक्रवार रात से हुई भारी बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। देहरादून, टिहरी और पौड़ी तीन जिलों में बादल फटने से हाहाकार मच गया। यमकेश्वर और टिहरी के कीर्तिनगर में बादल फटने के बाद मकान के मलबे में दबकर दो महिलाओं की मौत हो गई है। टिहरी में ही मकान के मलबे में सात लोग दब गए हैं, जिन्हें निकालने की कोशिशें जारी हैं और कई लोग लापता हैं। वहीं चार धाम यात्रा राजमार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध है। जगह-जगह यात्री फंसे हुए हैं। प्रभावित क्षेत्र में राशन, बर्तन, दूध, पलंग, बिस्तर, कपड़े, स्ट्रेचर आदि सामग्री रवाना कर दी गई है। हेलीकाप्टर से गंभीर घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ पुलिस, जिला प्रशासन की टीम के साथ ही सेना भी राहत बचाव में जुट गई है।
देहरादून के माल देवता क्षेत्र में छमरूली टापूसेरा में बादल फटने की घटना में एक महिला और कई मवेशी बह गए हैं। यहां सात मकान ध्वस्त हो गए हैं और दो पुल टूट गए हैं। वहीं एक मकान में कई लोगों के दबे होने की आशंका भी जताई जा रही है। सड़क पूरी तरह ध्वस्त होने से यहां राहत बचाव सामग्री पहुंचाने परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, कुमाऊं के बागेश्वर में कपकोट मार्ग मलबा आने से बंद हो गया। सरयू व गोतमी नदी का जल स्तर बढ़ा हुआ है। यहां 19 घंटे बाद चम्पावत-टनकपुर हाइवे खुल गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्षा को देखते हुए जनता से अनावश्यक यात्रा न करने का अनुरोध किया है।
ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के करीब बह रही है। ग्लोगी में भूस्खलन से देहरादून-मसूरी मार्ग अवरुद्ध हो गया है। भारी वर्षा को देखते हुए सुबह देहरादून और पौड़ी जिले के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया। ऋषिकेश एम्स की इमरजेंसी कक्ष में बारिश का पानी घुस गया है। परिसर में जलभराव से मरीज व तीमारदार परेशान हैं। शुक्रवार देर शाम से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते राजाजी टाइगर रिजर्व से गुजरने वाली बरसाती नदियां ऊफान पर आ गई हैं। शुक्रवार रात से हो रही बारिश से चीला-ऋषिकेश राजमार्ग पूरी तरह बंद कर दिया गया है।