उधमसिंह नगर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को उधमसिंह नगर पहुंचे। यहां उन्होंने गोराया पेपर मिल में आयोजित 'गुरुमत संत समागम' में शिरकत की और लंगर में प्रसाद वितरण भी किया।
325वें खालसा सजना दिवस को समर्पित गुरुमत संत समागम में शिरकत करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गुरुनानक देव, गुरु गोविंद सिंह सहित सभी गुरुओं के आशीर्वाद से प्रदेश की सवा करोड़ जनता की सेवा करने का अवसर मिला है। गुरुओं ने राष्ट्र को सर्वोपरि मानकर भारत को एक सूत्र में पिरोया। सिख गुरुओं का त्याग, बलिदान, शक्ति और साधना देश व धर्म के लिए अनुकरणीय है।
उन्होंने आगे कहा, "गुरु गोविंद सिंह महाराज ने विदेशी आक्रांताओं से भारत के धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। खालसा पंथ ने मातृभूमि की रक्षा में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। खालसा पंथ देश और धर्म की रक्षा के लिए गुरुकृपा से निकला प्रकाश पुंज है, जो हमें धर्म, सच्चाई का रास्ता दिखाने का काम करता है। इस पंथ ने विपरीत परिस्थितियों में भी विदेशी ताकतों को झुकने के लिए मजबूर किया।"
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पूर्व की सरकारों में कड़े फैसले लेने की इच्छाशक्ति नहीं थी। उनका समय उलझाने, भटकाने, लटकाने में चला गया। जनता की मांग पर उनका कोई ध्यान नहीं था। आज सत्ता पाने के लिए विपक्ष को धुरविरोधी दलों के साथ गठबंधन करना पड़ रहा है। यह गठबंधन बनने से पहले बिखर रहा है।
सीएम ने आगे कहा कि उत्तराखंड में सभी को समान अधिकार देने के लिए समान नागरिक संहिता विधेयक लागू किया, देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया गया, पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी पहली बार कार्रवाई करने से सरकार पीछे नहीं हटी, प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू करने के साथ दंगारोधी कानून भी हमारी सरकार लेकर आई।
--आईएएनएस