Char Dham Yatra 2022: धक्का-मुक्की में घंटों लाइन लगे,पता चला की रजिस्ट्रेशन फुल
केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा 2022 भी शुरू हो गई।
गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा 2022 भी शुरू हो गई। चाराें धामों ने दर्शन को भारी संख्या में तीर्थ यात्री पहुंच रहे हैंं। दर्शन को इंतजार लंबा है।
Char Dham Yatra 2022:राज्य सरकार चार धाम यात्रा की पुख्ता तैयारियों का लगातार ढोल पीट रही है, लेकिन यात्रा के शुरुआती दिनों में सरकारी मशीनरी की पोल खुल गई है। आधी-अधूरी तैयारियों की वजह से तीर्थ यात्रियों को जहां अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ रहा है, वहीं बार-बार पुलिस के रोके जाने से परेशान हैं। हरिद्वार में रविवार को जिला पर्यटन कार्यालय में चारधाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगी रही।
भीड़ के कारण काउंटर पर कई बार धक्का-मुक्की होती रही। लेकिन जैसे ही श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन स्लॉट जून के प्रथम सप्ताह तक बुक होने पता चला उनमें निराशा छा गई। श्रद्धालुओं का कहना है कि सरकार को पर्याप्त व्यवस्थाएं करनी चाहिए थी। जब दूर-दराज से श्रद्धालु यहां पहुंच चुके हैं तो पता चला रहा है कि रजिस्ट्रेशन फुल हो गए हैं।
ट्रेवल कारोबारी भी परेशान : ट्रेवल कारोबारी उमेश पालीवाल, सुमित श्रीकुंज, अनुज सिंघल, जसवीर राणा, गोपाल छिब्बर, अर्जुन सैनी, अनूप मनोचा का कहना है कि जो श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए वाहन बुक करा चुके थे, अब उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा।
श्रद्धालुओं की परेशानी : श्रद्धालु राघवेंद्र पाठक ने बताया कि हम दो लोग मध्य प्रदेश से चारधाम यात्रा करने उत्तराखंड में पहुंचे हैं। हरिद्वार आकर पता चला की तीन धाम के रजिस्ट्रेशन के स्लॉट जून के प्रथम सप्ताह तक बुक हैं। हमने केदारनाथ यात्रा के लिए फाटा से 18 तारीख का हेली सेवा का टिकट बुक करवाया है।
समझ नहीं आ रहा क्या होगा। श्रद्धालु गोविंद राव ने बताया कि चारधाम यात्रा करने आध्र प्रदेश से आए हैं। अब यहां आकर पता चला तीन धाम के रजिस्ट्रेशन स्लॉट जून के पहले सप्ताह तक बुक हैं। अगर इतने दिन इंतजार करना पड़ा तो हमारा बजट ही बिगड़ जाएगा।
हम मुंबई से आए हैं। हमारी वापसी की ट्रेन की टिकट 22 मई की बुक थी। लेकिन अब रिजर्वेशन को कैंसिल करा दिया है। हम रात तीन बजे से लाइन में थे सुबह नौ बजे जाकर बद्रीनाथ का रजिस्ट्रेशन हो पाया।
स्वपनिल पाटिल, श्रद्धालु
बिना पंजीकरण के धाम पहुंच रहे श्रद्धालु
सरकार ने चारों धामों में श्रद्धालुओं के प्रतिदिन आने की संख्या तय कर रखी है। इसके बाद भी धामों में बिना पंजीकरण के बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में पेश आ रही है। अब जब समस्या बढ़ने लगी है, तो बिना पंजीकरण वाले श्रद्धालुओं को लौटाया जा रहा है। इसे लेकर हंगामा भी हो रहा है। धामों में अब श्रद्धालुओं के वीआईपी दर्शन की व्यवस्था जरूर समाप्त हो गई है। अब सभी को एक समान रूप से दर्शन करने पड़ रहे हें।
जानकीचट्टी से लौटाए श्रद्धालु: शनिवार को गंगोत्री धाम में 9369 और यमुनोत्री में 8272 यात्री पहुंचे। यमुनोत्री धाम में 25 यात्री अनफिट पाए गए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन्हें जानकीचट्टी से ही वापस लौटा दिया। 200 से ज्यादा यात्रियों का स्वास्थ्य चेकअप किया गया। गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में अभी तक 1.74 लाख से ज्यादा यात्री पहुंच चुके हैं।
ऋषिकेश में अव्यवस्थाओं से परेशान यात्रियों ने किया हंगामा
ऋषिकेश। सप्ताह भर से बस की कमी और अव्यवस्थाओं से परेशान चारधाम यात्रियों का सब्र आखिरकार जवाब दे गया। रविवार को चारधाम यात्रा पर जाने से रोकने पर तीर्थयात्रियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि अगर सरकार के यात्रा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं थे तो चारधाम यात्रा शुरू नहीं करनी चाहिए थी।
रविवार को चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड ऋषिकेश में महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि प्रांतों से आए तीर्थयात्रियों की भीड़ जुटी रही। इस दौरान यात्रियों को पता चला कि चारों धामों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया बंद है। यात्रा की बदइंतजामी से परेशान यात्रियों का पारा चढ़ गया।
फोटो पंजीकरण केंद्र के सामने एकत्रित होकर तीर्थयात्रियों ने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। आंध्रप्रदेश से आयी महिला तीर्थयात्रियों ने कहा कि हजारों रुपये खर्च कर वह यहां पहुंचे हैं। लेकिन यहां उत्तराखंड सरकार के इंतजाम पुख्ता नहीं हैं। इस दौरान आक्रोशित तीर्थयात्रियों ने सांकेतिक जाम भी लगाया।
चारधाम यात्रा की तैयारियां अधूरी, यात्रियों की फजीहत
देहरादून। यात्रा के पहले ही दिन से पंजीकरण को लेकर गफलत की स्थिति बनी हुई है। केदारनाथ धाम में यात्रियों के रुकने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। धाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के बाद यदि उन्हें दूसरे स्थानों पर रोकना पड़ा, तो उनके रुकने का क्या इंतजाम होगा। इस पर अफसरों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया।
अब जब ये सभी दिक्कतें एक साथ सामने आ गई हैं, तो सरकारी मशीनरी के हाथ पांव फूले हुए हैं। केदारनाथ धाम में रात में ठहरने के लिए सिर्फ पांच हजार लोगों की व्यवस्था है। इसके बाद भी इंतजाम नहीं बढ़ाए गए। यहां धाम में श्रद्धालुओं के आने की संख्या 13 हजार तय की गई है, जबकि श्रद्धालु 18 हजार के करीब आ रहे हैं।
धाम और यात्रा रुट पर कैसे क्राउड मैनेजमेंट किया जाएगा, इसकी भी कोई तैयारी नहीं की गई। सरकार ने तीर्थयात्रियों के पंजीकरण को अनिवार्य किया है, लेकिन इस पर अमल नहीं किया। बिना पंजीकरण के भी बड़ी संख्या में लोग आते चले गए। अब जब बिना पंजीकरण वालों को रोका जा रहा है, तो ऐसे लोगों के रुकने की कहां व्यवस्था होगी, इसका कोई इंतजाम नहीं है।
अब सरकार ने पोर्टल में ही पंजीकरण के लिए सीमित संख्या कर दी तो उन तीर्थयात्रियों की परेशानी बढ़ गई, जिन्होंने चारधाम पड़ाव पर पहले होटल या फिर हेली सेवा बुक कर दी थी। दूर-दराज के विभिन्न प्रांतों से आ रहे इन तीर्थयात्रियों को ऋषिकेश में ही रोका जा रहा है।
कंट्रोल रूम पहुंचे सचिव पर्यटन: ऋषिकेश समेत अन्य कई स्थानों पर श्रद्धालुओं को रोकने से हुए हंगामे की सूचना पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर रविवार को सीधे आईटी पार्क स्थित कंट्रोल रूम पहुंचे।
खुले में सोने को मजबूर: केदारनाथ धाम में श्रद्धालु खुले में सोने को मजबूर हैं। पांच हजार बेड क्षमता वाले केदारनाथ धाम में 18 हजार के करीब श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां न तो प्रशासन, न पर्यटन विभाग ने बेड संख्या बढ़ाने का प्रयास किया। पूरा का पूरा दबाव जीएमवीएन के ऊपर डाला गया। जीएमवीएन ने भी अपनी बेड क्षमता को बढ़ा कर तीन हजार तक पहुंचाया। इसके बाद भी ये तमाम इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।