Chamoli: मां लक्ष्मी को चढ़ाया कढ़ाई भोग, कल शीतकाल के लिए बंद होंगे बदरीनाथ

Update: 2024-11-16 13:39 GMT
Chamoli चमोली: बदरीनाथ धाम के कपाट इस साल शीतकाल के लिए 17 नवंबर को रात 9 बजकर 7 मिनट पर बंद कर दिए जाएंगे. आज लक्ष्मी मन्दिर में कढ़ाई भोग का आयोजन किया गया. जिसके बाद माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मन्दिर के गर्भ गृह में प्रवेश का न्यौता दिया गया.
मां लक्ष्मी को चढ़ाया कढ़ाई भोग
बदरीनाथ धाम के कपाट बन्द करने की परम्पराओं के अनुसार आज शनिवार को मन्दिर परिसर में स्थित लक्ष्मी मन्दिर में कढ़ाई भोग का आयोजन किया गया. इस दौरान पूजा अर्चना कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मन्दिर के गर्भ गृह में प्रवेश का न्यौता दिया गया. बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवम्बर यानी रविवार को शीतकाल के लिए बन्द किए जाएंगे.
17 नवंबर को बन्द होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
पंच पूजाओं के अंतर्गत पहले दिन भगवान गणेश की पूजा हुई. शाम को इसी दिन भगवान गणेश के कपाट बंद किए गए. 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर और शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद किए. 15 नवंबर को खड्ग-पुस्तक पूजन और वेद ऋचाओं का वाचन बंद किया गया. आज 16 नवंबर को मां लक्ष्मी को कढ़ाई भोग चढ़ाया गया. जिसके बाद मां लक्ष्मी को बदरीनाथ मन्दिर के गर्भ गृह में प्रवेश का न्यौता दिया. 17 नवंबर को रात 9 बजकर 7 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे.
नृसिंह मंदिर जोशीमठ में होंगी शीतकालीन पूजाएं
सोमवार 18 नवंबर को कुबेर और उद्धव सहित रावल, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर और नृसिंह मंदिर जोशीमठ को प्रस्थान करेगी. उद्धव और भगवान कुबेर शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे. आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी सोमवार 18 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के बाद 19 नवंबर को समारोहपूर्वक गद्दीस्थल नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी. इसी के साथ शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर और नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं आयोजित होंगी
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