क्यूआर कोड का करार कर भूली बीकेटीसी

Update: 2023-05-05 07:44 GMT

हरिद्वार न्यूज़: श्री बदरीनाथ और श्री केदरनाथ मंदिर परिसरों में क्यूआर कोड लगाने को बीकेटीसी मैनेजमेंट ने 2018 में पेटीएम कंपनी के साथ करार किया था. इस करार को कर मंदिर समिति खुद ही भूल गई.

धामों में क्यूआर कोड लगने पर समिति ने खुद ही अज्ञात के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज करा दिया. मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया है कि वर्ष 2018 में दोनों पक्षों के बीच करार के बाद से लगातार पेटीएम की ओर से श्री केदारनाथ धाम में क्यूआर कोड के छोटे साइन बोर्ड लगाए जाते रहे हैं.

पेटीएम ने इस साल श्री केदारनाथ के अलावा श्री बदरीनाथ में बड़े साइज के कई साइन बोर्ड लगाए. लेकिन मंदिर समिति को इसकी लिखित या मौखिक जानकारी नहीं दी गई.

उधर, बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि बिना जानकारी क्यूआर कोड लगाने पर पेटीएम के अधिकारियों से कड़ी नाराजगी जताई गई. कंपनी ने इस चूक पर खेद प्रकट किया है. कंपनी के साथ करार होने से लेकर अभी तक मंदिर समिति को 67 लाख रुपये दान के रूप में प्राप्त हुए.

सवालों के घेरे में बीकेटीसी: मामले को लेकर बीकेटीसी मैनेजमेंट भी सवालों के घेरे में है. समिति खुद स्वीकार कर रही है कि हर साल कंपनी के क्यूआर कोड लगते हैं. जब ऐसा है, तो क्यों इस बार बताया गया कि समिति को नहीं मालूम कि किसके क्यूआर कोड हैं. जब समिति के खाते में 67 लाख रुपये आ चुके थे, तो क्या इतनी बड़ी रकम की जानकारी भी मंदिर समिति का अकाउंट संभालने वाले अफसरों को नहीं थी. कंपनी से करार करने के बाद भी मंदिर समिति ने किस आधार पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करा दिया, जबकि खुद कंपनी के साथ करार किया हुआ है.

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