देवभूमि: स्वर्णिम शताब्दी की ओर बढ़ रहे उत्तराखंड के विकास के रोडमैप पर आज देहरादून में चर्चा हुई। 'अमर उजाला संवाद' के तहत हुई इस चर्चा में केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट ने अपनी बात रखी। उन्होंने उत्तराखंड के विकास से लेकर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों पर भी खुलकर बात की।
केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि 2024 में भाजपा 400 से ज्यादा सीटें जीत सकती है। देश की जनता पीएम मोदी को पसंद करती है। लोगों को मालूम है कि देश का विकास अगर कोई कर सकता है तो वह पीएम नरेंद्र मोदी हैं। भट्ट 'अमर उजाला' के 'अमर उजाला संवाद-2023' कार्यक्रम में बोल रहे थे।
केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि 2024 में भाजपा 400 से ज्यादा सीटें जीत सकती है। देश की जनता पीएम मोदी को पसंद करती है। लोगों को मालूम है कि देश का विकास अगर कोई कर सकता है तो वह पीएम नरेंद्र मोदी हैं। भट्ट 'अमर उजाला' के 'अमर उजाला संवाद-2023' कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर अमेरिका से दोस्ती और भारत की आत्मनिर्भरता के मुद्दे पर भी खुलकर अपनी बात रखी। भट्ट ने उत्तराखंड के विकास और प्राकृतिक नुकसान को लेकर भी सरकार की रणनीति के बारे में बताया। पढ़िए केंद्रीय मंत्री से बातचीत के अंश...
सवाल : आप नैनीताल-उधम सिंह नगर से सांसद हैं। आपने रानीखेत विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है। अभी आपके पास केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। आप उत्तराखंड के अभी तक के विकास को कैसे देखते हैं?
जवाब : आज हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर होने की तरफ बढ़ रहे हैं। पहले हम दूसरे देश जाते थे, उनसे मदद मांगते थे... एक रॉकेट दे दो, एक फाइटर जेट दे दो। पहले तो बुलेट जैकेट तक बाहर से मंगवाया जाता था। 1962 का युद्ध हम लोगों ने देखा है। कैसे हमारी सेना पीटी वाले जूते में लड़ी। जो स्थिति उस समय थी, आज वो पूरी तरह से उलट गई है। आज हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं। मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट आई है। पहले हमारी अर्थव्यवस्था नीचे थी, मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट में बताया गया है कि हम पहले के मुकाबले कितने मजबूत हो गए हैं। आईएमएफ ने भी भारत की तारीफ की। पहले अंग्रेज हमारा मजाक बनाते थे। कहते थे कि इन्हें आजादी नहीं देनी चाहिए थे। पहले हम दुनिया में 10वें नंबर के अर्थव्यवस्था थे, आज पांचवें नंबर पर है। आने वाले दिनों में हम हर क्षेत्र में नंबर एक पर पहुंचने वाले हैं।
सवाल : उत्तराखंड में आस्था का केंद्र है। एक वर्ग है जो मानता है कि धर्म के इस केंद्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने से आस्था को चोट पहुंचती है। इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। पेड़ और पहाड़ काटे जा रहे हैं। क्या आपको नहीं लगता है कि हम तेज गति से भागने के चक्कर में पर्यावरण, प्रकृति और धार्मिक आस्था का नुकसान कर रहे हैं?
जवाब : कुछ चीजों के लिए हमें समझौता करना पड़ता है। शुरू में हमारे विकास की गति क्या थी? आज क्या है? चार धार यात्रा के लिए आज हर मौसम के लिए सड़के हैं। अगर विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन नहीं बनाएंगे तो नुकसान होगा। हमारी सरकार संतुलन बनाकर काम करती है। इसमें सब चीजों का ख्याल रखा जाता है। हम 100 पेड़ काटते हैं तो उसके बदले दूसरे जगह 100 पेड़ लगाते हैं। हमारे भाग्य में ये बातें लिखी हैं। लेकिन फिर भी हमारी सरकार हर तरह से लोगों की मदद करती है। पहाड़ी राज्यों की नियति में ही लिखा हुआ है कि यहां प्राकृतिक आपदाएं आती ही रहती हैं। वैश्विक स्तर पर भी हम लोगों ने ही पर्यावरण को लेकर चिंता जताई थी। इसके बचाव के लिए भी पूरी दुनिया को भारत ने ही मंत्र दिया था।
सवाल : आने वाले 25 सालों में उत्तराखंड के पर्यटन को आप किस दृष्टि से देखते हैं? रक्षा के मामलों में केंद्र सरकार क्या सोचती है? स्वर्णिम शताब्दी की ओर आप इन दोनों ही क्षेत्रों में उत्तराखंड को किस तरह से ले जाएंगे?
जवाब : हम रक्षा के मामलों में बहुत कुछ नहीं बोल सकते हैं। हां, इतना जरूर कहेंगे कि जल, नभ और थल में हम बहुत ताकतवर हैं। आपने आईएएस विक्रांत देखा। पहली बार आपने देखा कि नेवी के झंडे पर जो अंग्रेजों का क्रॉस था, उसकी जगह शिवाजी का मुद्रा लगाया। इसी तरह राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर दिया है। हम धीरे-धीरे हर चीज को ठीक कर रहे हैं। राम मंदिर का शिलान्यास हो गया। बनारस देख लिया। महाकाल का मंदिर देख लिया। पहले चार धाम जाने के लिए लोगों को बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। आज पूरी तरह से बदल गया है। सरकारें प्लान बनाकर भेजती हैं और हम यहां से उन्हें फंड देते हैं। कई ऐसी जगह है, जिनके बारे में यहां के लोगों को नहीं पता है। शिव जी ने जहां माता पार्वती से शादी की थी, वो उत्तराखंड में ही है। लाक्षागृह भी यहीं है। विदेश के लोग पढ़कर यहां आते हैं, लेकिन हमारे लोग जानकारी के अभाव के चलते नहीं आ पाते हैं। ऐसे में हमारी सरकार लोगों को इनके बारे में बताने का काम भी कर रही है।
सवाल : आपके अनुसार, 2024 में भाजपा को कितनी सीटें मिलेंगी?
जवाब : देखिए, 2019 में किसी को यकीन नहीं था कि मोदी जी आएंगे और सरकार बनेगी। उस समय लोगों ने हमारे खिलाफ बहुत तरह से जालें बुना। 2024 में मोदी जी को भारत की जनता सेवा करने के लिए भारी बहुमत से पुन: भेज रही है। 400 से भी ज्यादा सीटें हम हासिल कर लेंगे।उत्तराखंड के बारे में सभी लोग जानते हैं कि यहां क्या स्थितियां थीं। यूपी को हम बड़ा भाई मानते हैं। पहले हम लोग एक ही थे, लेकिन पहले किसी अफसर को चेतावनी देनी होती थी तो बोला जाता था कि तुम्हें उत्तराखंड फेंक देंगे। लोग यहां आने से डरते थे। आज डबल इंजन की सरकार के तहत काफी तेजी से उत्तराखंड का विकास हो रहा है। हमारे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। उम्मीद से अधिक काम कर रहे हैं। यंग ब्लड हैं। पहले लगता था कि वह कहीं भटक न जाएं, लेकिन वह अच्छा काम कर रहे हैं। दूसरा मजबूत इंजन पीएम मोदी हैं। आज कोई काम नहीं है, जो उत्तराखंड के लोग बोलें, धामी जी कहें और हमारे लीडर्स कहें और वो केंद्र सरकार स्वीकार न करे।
उन्होंने कहा कि एक जमाना होता था, जब हमारे नेता विदेश जाते थे तो वहां के राष्ट्राध्यक्ष उन्हें बहुत हेय दृष्टि से देखते थे। कहते थे कि बैठा दो... दो दिन बात मिलेंगे या अगले दिन मिलेंगे या शाम को मिलेंगे। लेकिन आज वही लेाग हमारे माननीय प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए आतुर दिखते हैं। कोई कहता है कि मोदी जी का ऑटोग्रााफ लेना चाहिए। कोई कहता है मोदी जी इज बॉस। कोई उनके पैर छूता है। देखिए... कितना तेजी से हमारा देश बदल रहा है।
सवाल : रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति में हम लोग (भारत) दोराहे पर खड़े हैं। एक तरफ रूस है, जिसने हमेशा हमारी मदद की। दूसरी तरफ अमेरिका है, जिससे हम बचते रहे हैं। अब हम अमेरिका से भी रक्षा सौदे कर रहे हैं। आप कूटनीतिक तौर पर इसे कैसा देखते हैं?
जवाब : देखिए, हम तो विश्व बंधुत्व पर विश्वास करते हैं। एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य। हमारे लिए सब बराबर हैं। पाकिस्तान पहले हमें एटम बम का धमकी देता था। वहां आज आटा एटम बम बन गया। हमें तब भी बुरा लगता है, क्योंकि हमारा नारा विश्व बंधुत्व का है। कहीं पर गलत होता है तो हमें दर्द होता है। इसलिए हम बैलेंस बनाना चाहते हैं। पीएम मोदी जैसे व्यक्तित्व की जरूरत देश को है। यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान पूरी दुनिया ने हमारी ताकत देखी। हमारे छात्र-छात्राएं सिर्फ पीएम मोदी के कहने पर सकुशल वापस आए। पाकिस्तान के बच्चे भी हमारा तिरंगा लेकर ही वहां से बाहर निकल पाए। पाकिस्तानी बच्चों ने भी थैंक्यू मोदी जी, थैंक्यू इंडिया और थैंक्यू तिरंगा बोला। रूस से भी हमारा तालमेल है और अमेरिका से भी मित्रता है। अमेरिका से रक्षा सौदा करने से कुछ गड़बड़ नहीं होगा। पहली बार ऐसा हो रहा है कि डिफेंस एक्सपो में सिर्फ भारतीय उत्पाद लगते हैं और विदेश के लोग आकर खरीदारी करते हैं। पहले विदेशी लोग अपने स्टॉल लगाते थे और हम केवल खरीदारी करते थे।
जवाब : आज हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर होने की तरफ बढ़ रहे हैं। पहले हम दूसरे देश जाते थे, उनसे मदद मांगते थे... एक रॉकेट दे दो, एक फाइटर जेट दे दो। पहले तो बुलेट जैकेट तक बाहर से मंगवाया जाता था। 1962 का युद्ध हम लोगों ने देखा है। कैसे हमारी सेना पीटी वाले जूते में लड़ी। जो स्थिति उस समय थी, आज वो पूरी तरह से उलट गई है। आज हम पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं। मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट आई है। पहले हमारी अर्थव्यवस्था नीचे थी, मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट में बताया गया है कि हम पहले के मुकाबले कितने मजबूत हो गए हैं। आईएमएफ ने भी भारत की तारीफ की। पहले अंग्रेज हमारा मजाक बनाते थे। कहते थे कि इन्हें आजादी नहीं देनी चाहिए थे। पहले हम दुनिया में 10वें नंबर के अर्थव्यवस्था थे, आज पांचवें नंबर पर है। आने वाले दिनों में हम हर क्षेत्र में नंबर एक पर पहुंचने वाले हैं।
सवाल : उत्तराखंड में आस्था का केंद्र है। एक वर्ग है जो मानता है कि धर्म के इस केंद्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने से आस्था को चोट पहुंचती है। इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। पेड़ और पहाड़ काटे जा रहे हैं। क्या आपको नहीं लगता है कि हम तेज गति से भागने के चक्कर में पर्यावरण, प्रकृति और धार्मिक आस्था का नुकसान कर रहे हैं?
जवाब : कुछ चीजों के लिए हमें समझौता करना पड़ता है। शुरू में हमारे विकास की गति क्या थी? आज क्या है? चार धार यात्रा के लिए आज हर मौसम के लिए सड़के हैं। अगर विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन नहीं बनाएंगे तो नुकसान होगा। हमारी सरकार संतुलन बनाकर काम करती है। इसमें सब चीजों का ख्याल रखा जाता है। हम 100 पेड़ काटते हैं तो उसके बदले दूसरे जगह 100 पेड़ लगाते हैं। हमारे भाग्य में ये बातें लिखी हैं। लेकिन फिर भी हमारी सरकार हर तरह से लोगों की मदद करती है। पहाड़ी राज्यों की नियति में ही लिखा हुआ है कि यहां प्राकृतिक आपदाएं आती ही रहती हैं। वैश्विक स्तर पर भी हम लोगों ने ही पर्यावरण को लेकर चिंता जताई थी। इसके बचाव के लिए भी पूरी दुनिया को भारत ने ही मंत्र दिया था।
सवाल : आने वाले 25 सालों में उत्तराखंड के पर्यटन को आप किस दृष्टि से देखते हैं? रक्षा के मामलों में केंद्र सरकार क्या सोचती है? स्वर्णिम शताब्दी की ओर आप इन दोनों ही क्षेत्रों में उत्तराखंड को किस तरह से ले जाएंगे?
जवाब : हम रक्षा के मामलों में बहुत कुछ नहीं बोल सकते हैं। हां, इतना जरूर कहेंगे कि जल, नभ और थल में हम बहुत ताकतवर हैं। आपने आईएएस विक्रांत देखा। पहली बार आपने देखा कि नेवी के झंडे पर जो अंग्रेजों का क्रॉस था, उसकी जगह शिवाजी का मुद्रा लगाया। इसी तरह राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर दिया है। हम धीरे-धीरे हर चीज को ठीक कर रहे हैं। राम मंदिर का शिलान्यास हो गया। बनारस देख लिया। महाकाल का मंदिर देख लिया। पहले चार धाम जाने के लिए लोगों को बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। आज पूरी तरह से बदल गया है। सरकारें प्लान बनाकर भेजती हैं और हम यहां से उन्हें फंड देते हैं। कई ऐसी जगह है, जिनके बारे में यहां के लोगों को नहीं पता है। शिव जी ने जहां माता पार्वती से शादी की थी, वो उत्तराखंड में ही है। लाक्षागृह भी यहीं है। विदेश के लोग पढ़कर यहां आते हैं, लेकिन हमारे लोग जानकारी के अभाव के चलते नहीं आ पाते हैं। ऐसे में हमारी सरकार लोगों को इनके बारे में बताने का काम भी कर रही है।
सवाल : आपके अनुसार, 2024 में भाजपा को कितनी सीटें मिलेंगी?
जवाब : देखिए, 2019 में किसी को यकीन नहीं था कि मोदी जी आएंगे और सरकार बनेगी। उस समय लोगों ने हमारे खिलाफ बहुत तरह से जालें बुना। 2024 में मोदी जी को भारत की जनता सेवा करने के लिए भारी बहुमत से पुन: भेज रही है। 400 से भी ज्यादा सीटें हम हासिल कर लेंगे।