बीजेपी पिथौरागढ़ विधानसभा सीट के मुकाबले में रुचि बनाने मे लगी हुई, जानिए पूरी बात
उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा सीट (Pithoragarh Assembly Seat) पर हुए चार विधानसभा चुनावों (Uttarakhand Chunav) में तीन बार बीजेपी (BJP) ने बाजी मारी है, जबकि कांग्रेस अब तक सिर्फ एक बार ही इस सीट पर जीत दर्ज कर पाई है. हालांकि इस बार यहां काफी कुछ बदल गया है.
पिथौरागढ़. उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर हुए चार विधानसभा चुनावों (Uttarakhand Chunav) में तीन बार बीजेपी (BJP) ने बाजी मारी है, जबकि कांग्रेस अब तक सिर्फ एक बार ही इस सीट पर जीत दर्ज कर पाई है. हालांकि इस बार यहां काफी कुछ बदल गया है. पिथौरागढ़ विधानसभा सीट (Pithoragarh Assembly Seat) पर हुए पहले और दूसरे चुनाव में बीजेपी के प्रकाश पंत ने जीत दर्ज की थी. ये बात अलग है कि 2012 के चुनाव में प्रकाश पंत कांग्रेस के मयूख महर के हाथों 13 हजार से अधिक मतों से हार गए, लेकिन फिर 2017 के चुनाव में पंत ने रोमांचक मुकाबले में मयूख महर को मात देकर अपनी हार का बदला ले लिया.
इस तरह देखें तो राज्य बनने के बाद हुए सभी विधानसभा चुनावों में बीजेपी से प्रकाश पंत ही इस सीट की धूरी बने रहे. हालांकि 2019 में उनके निधन के बाद ये पहला मौका होगा, जब बीजेपी उनके बिना मैदान में उतरेगी. इस बात की काफी संभावना है कि बीजेपी पंत की पत्नी और इस सीट से मौजूदा विधायक इस बार भी दांव खेले.
अगर ऐसा होता है तो मुकाबले को रोचक बनाने में बीजेपी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहेगी. असल में पंत निधन के बाद 2019 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता मयूख महर ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, जिसके बाद कांग्रेस ने अंजू लुंठी को चुनावी मैदान में उतारा, जबकि बीजेपी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा था. सहानुभूति लहर के बाद भी मुकाबला काफी नजदीकी रहा. चंद्रा पंत कांग्रेस उम्मीदवर को महज 3267 वोट से ही मात दे पाई थीं.
हालांकि अब कांग्रेस से इस सीट पर मयूख महर ने दावा पेश कर दिया है. ये लगभग तय माना जा रहा है कि मयूख महर ही पिथौरागढ़ सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे. ऐसा होता है तो इस बार इस सीट पर मुकाबला काफी रोचक होगा.