उत्तराखंड में अंकिता भंडारी केस के बाद से चर्चा में आई राजस्व पुलिस से जुड़ा बड़ा अपडेट आ रहा है। आज उत्तराखंड हाई कोर्ट में राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकार को इस मामले में हर छः माह में प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए है। जिसकी जांच हाई कोर्ट खुद करेगी। मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सरकार चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त कर सिविल पुलिस व्यवस्था लागू करने जा रही है। जिस पर कोर्ट ने सरकार से हर छह महीने में प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को अवगत कराया कि पूर्व के आदेश के अनुपालन में कैबिनेट ने राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त करने के लिए 17 अक्टूबर 2022 को निर्णय ले लिया है।
बताया जा रहा है कि जनहित याचिका में कहा गया कि अगर सरकार ने इस आदेश का पालन किया होता तो अंकिता मर्डर केस की जांच में इतनी देरी नहीं होती। इसलिए राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त किया जाय। इस मामले में समाधान 256 कृष्णा विहार लाइन न एक जाखन देहरादून वालों ने जनहित याचिका दायर की है।