देहरादून न्यूज़: सफेद धोती कुर्ता, सिर पर काली टोपी, माथे पर तिलक. कुमाउनी में शुरुआत और गढ़वाली में समापन. दोपहर वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कुछ इसी अंदाज में बजट को पेश किया. दोपहर दो बजे से चार बजे तक धाराप्रवाह बजट भाषण देते हुए अग्रवाल ने कई बार अपनी बात को बल देने के लिए कविताओं को प्रयोग भी किया. पीएम नरेंद्र मोदी का जिक्र भी उनके भाषण में कई बार आता रहा.
दोपहर दो बजे लाल रंग के बैग में बजट लेकर सदन में पहुंचे. कुमाउनी अभिवादन करते हुए अग्रवाल ने अपने बजट भाषण की शुरुआत की. कहा कि पीएम के रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म को आत्मसात करते हुए पीएम के सपनों का भारत बनाने के लिए अग्रणी राज्य के रूप में अपनी सक्रिय भूमिका के लिए तैयार हैं.
बजट में जलवायु परिवर्तन शमन के लिए कुल पूंजीगत परिव्यय का 0.5 प्रतिशत बजट का प्रावधान का उल्लेख करते हुए अग्रवाल ने कहा प्रकृति हमारा संरक्षण करती है-और हम प्रकृति का संरक्षण करेंगे. आगे बजट को राजय के विकास पर केंद्रित बताते हुए कहा कि, एक ही ध्येय है, एक ही आराधना, अग्रणी राज्य की कामना.
बजट भाषण का समापन अग्रवाल ने कविता से ही किया. कहा अपनी मानव पूंजी क्षमता हम बढ़ा रहे हैं, शिक्षा चिकित्सा, सर्वसुलभ कर, संयोजकता को बढ़ाकर, प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों से कृषि व उद्यम बढ़ा रहे हैं. कार्य संस़्कृति को बदलकर नवाचार हम ला रहे हैं, युगदृष्टा प्रधानमंत्री जी के शब्दों को ध्येय वाक्य बना रहे हैं. इस दशक को उत्तराखंड का दशक बना रहे हैं. हम इस दशक पर छा रहे हैं.