शिक्षक नेताओं की बयानबाजी पर रोक

Update: 2023-05-16 11:39 GMT

देहरादून न्यूज़: शिक्षा विभाग ने सभी कार्मिक और शिक्षकों के सोशल मीडिया पर सरकार की नीतियों की आलोचनात्मक पोस्ट लिखने और मीडिया को बयान देने पर प्रतिबंध लगा दिया. डीजी-बंशीधर तिवारी ने इसके आदेश किए. प्रतिबंध का उल्लंघन वालों के खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

डीजी ने कहा कि काफी दिनों से देखने में आ रहा है कि विभागीय कार्मिक सोशल मीडिया विभाग के खिलाफ ही पेास्ट कर रहे हैं. साथ ही विभिन्न गंभीर नीतिगत विषयों में मीडिया को भी बयान जारी कर रहे हैं. इस बयानबाजी और सोशल मीडिया पर सक्रियता की वजह से विभाग की छवि धूमिल हो रही है. यदि किसी शिक्षक-कर्मचारी को कोई व्यक्तिगत या संगठनात्मक समस्या है तो वो सक्षम अधिकारी के पास अपनी बात रख सकता है. भविष्य में शिक्षा विभाग की ओर से मीडिया को केवल डीजी, निदेशक, मंडलीय अपर निदेशक, सीईओ, डीईओ, बीईओ और उपशिक्षा अधिकारी ही बयान जारी करेंगे.

एससीईआरटी में वर्षों से जमे शिक्षक जाएंगे अब स्कूल

एससीईआरटी, विद्यालयी शिक्षा परिषद और डायट में लंबे समय से तैनात शिक्षकों का सामान्य शिक्षकों की तरह तबादला किया जाएगा. साथ ही 10 साल दुर्गम में सेवाएं देने समेत तबादला ऐक्ट के नियमों से छूट प्राप्त शिक्षकों को भी उनके वर्तमान कार्यस्थल से दूसरी जगहों को भेजा जाएगा. डीजी-शिक्षा बंशीधर तिवारी ने इसके आदेश किए. डीजी ने बताया कि प्रवक्ता, एलटी और बेसिक-जूनियर कैडर के कई शिक्षक वर्षों से एससीईआरटी, डायट समेत विभिन्न अकादमिक संस्थानों में वर्षों से कार्यरत है. लेकिन उनके नाम अनिवार्य तबादला के दायरे में आ रहे शिक्षकों की सूची में शामिल नहीं हैं. इस तबादला सत्र में ऐसे सभी शिक्षकों का तबादला किया जाएगा. एससीईआरटी,डायट, सीमेट, विद्यालयी शिक्षा परिषद में कार्यरत शिक्षक-कार्मिकों को अनिवार्य तबादला श्रेणी में लिया जा रहा है

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