अल्मोड़ा में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल, सैंपल लिए बगैर थमाई मरीज की यूरिन रिपोर्ट

Update: 2022-07-13 12:22 GMT

अल्मोड़ा न्यूज़: देवभूमि उत्तराखंड में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है। अब सरकारी अस्पतालों के साथ अधिकृत प्राइवेट लैब संचालक भी लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं। अल्मोड़ा जिला अस्पताल में अपनी बीमारी का इलाज कराने पहुंची धारानौला निवासी नीमा बिष्ट के साथ भी कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद प्राइवेट लैब संचालकों की कार्यप्रणाली की पोल खुलकर रह गई है। प्राइवेट लैब ने बगैर सैंपल लिए यूरिन जांच की रिपोर्ट थमा दी। बगैर सैंपल दिए रिपोर्ट मिलने से महिला मरीज भी हैरान रह गई। बताते चलें कि उत्तराखंड सरकार ने जिले के सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच के लिए एक निजी लैब को अधिग्रहित किया है।

जानकारी के मुताबिक, बीते आठ जुलाई को हाथ-पैर में दर्द की शिकायत पर नीमा बिष्ट उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंची। डाक्टर ने महिला का स्वास्थ्य परीक्षण कर विभिन्न जांचें लिख दीं। महिला ने जिला अस्पताल में स्थित अधिग्रहित निजी लैब में खून के सैंपल दिए। जबकि किसी कारण यूरीन जांच के लिए सैंपल नहीं दे सकी। अधिग्रहित लैब में उसे अन्य जांचों के साथ यूरीन जांच रिपोर्ट भी थमा दी। बिन सेंपल दिए ही जांच रिपोर्ट मिलने से महिला सकते में आ गई। उन्होंने कहा कि जब जांच ही नहीं कराई तो रिपोर्ट कैसे आ गई। ऐसे में जांच में संदेह होना स्वाभाविक है। जिला अस्पताल प्रशासन ने ऐसे लैब संचालकों पर कार्रवाई करनी चाहिए। अल्मोड़ा जिला अस्पताल की पीएमएस डॉ. कुसुमलता ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया हैं। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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