हमलावर गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा गया

Update: 2022-12-05 14:58 GMT

चंपावत न्यूज़: विकास खंड चम्पावत के सिप्टी गांव में आतंक मचा रहे गुलदार को चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ लिया गया है। रविवार की रात गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद करने के बाद रानीबाग रेस्क्यू सेंटर के लिए ले जाया गया। वन विभाग के अनुसार गुलदार नर है तथा उसकी उम्र सात से आठ साल के बीच है। रानीबाग में गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यह वही गुलदार है जिसने रविवार की सुबह नेपाली मजदूर पर हमला बोलकर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। सिप्टी और आस-पास के क्षेत्र में गुलदार पिछले एक सप्ताह से लगातार मंडरा रहा था। नेपाली मजदूर पर हमले के बाद उसके और अधिक हिंसक होने की संभावना बढ़ गई थी। रविवार की घटना को वन विभाग ने गंभीरता से लिया और उच्चाधिकारियों से गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति लेकर रानीबाग रेसक्यू सेंटर से डा. हिमांशु पांगती को बुलाया। जिन्होंने रविवार की रात 9:30 उसी स्थान के समीप गुलदार को ट्रेंकुलाइज गन से निशाना बनाया जहां उसने रविवार की सुबह मजदूर पर हमला कर दिया था। बेहोशी की हालत में गुलदार को वन कर्मियों ने पिंजरे में रखा और उसे रात में ही रानीबाग रेसक्यू सेंटर ले जाया गया।

भिंगराड़ा के रेंजर हिमालय सिंह टोलिया ने बताया कि शाम छह बजे से गुलदार को पकडऩे के लिए अभियान शुरू किया गया। करीब साढ़े तीन घंटे बाद रात में रानीबाग से आए डा. हिमांशु पांगती ने उसे ट्रेंकुलाइज कर लिया। उन्होंने बताया कि गुलदार की उम्र सात से आठ साल के बीच है तथा वर नर है। गुलदार को पकडऩे में चम्पावत, भिंगराड़ा और देवीधुरा रेंज के वन कर्मियों ने सहयोग किया। इधर गुलदार को पकड़े जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। ग्रामीणों ने बताया कि गुलदार के भय से वह दिन में भी घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे थे।

गुलदार ने रविवार की सुबह आठ बजे करीब सिप्टी में नेपाल के डडेलधुरा जनपद के पूरनपानी गांव निवासी गणेश बिष्ट (53) पुत्र प्रताप बिष्ट पर जानलेवा हमला कर दिया था। मजदूर का उपचार अभी भी जिला चिकित्सालय चम्पावत में चल रहा है। डीएफओ आरसी कांडपाल ने बताया कि पकड़ा गया गुलदार वही है जिसने नेपाली मजदूर पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि जिले के अन्य स्थानों पर भी गुलदार के मंडराने की सूचना मिल रही है। उन्होंने लोगों से जंगलों में न जाने और शाम होते ही सावधानी बरतने की अपील की है।

दैना गांव में नहीं मिला गुलदार का मूवमेंट: तहसील के सुदूरवर्ती दैना गांव में वृद्ध को निवाला बनाने वाले गुलदार का 7 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं लगा। शिकारियों व वन विभाग की टीमें आदमखोर गुलदार की रेकी करने का प्रयास कर रही है लेकिन उनके हाथ कोई सफलता नहीं लग पाई। कैमरा ट्रैप में भी गुलदार की कोई मूवमेंट रिकॉर्ड नहीं हुआ है। गुलदार के अब तक क्षेत्र में सक्रिय होने से गांव सहित इलाके में दहशत का माहौल व्याप्त है।

विगत 29 नवंबर को दैना गांव में गुलदार ने 65 वर्षीय बुजुर्ग को मार डाला था। आदमखोर गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने गांव के आसपास दो पिजरे भी लगाए हैं। साथ ही गुलदार की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं। मुरादाबाद से पहुंचे शिकारी राजीव सालोमन और वन विभाग की टीमें गुलदार की रेकी के लिए क्षेत्र में लगातार प्रयास कर रही है लेकिन 7 दिन बीतने के बावजूद भी गुलदार की कोई मूवमेंट नहीं मिल पाई है। प्रभागीय वन अधिकारी महातिम यादव ने बताया कि तलाश जारी है।

इधर, नगर से जुड़े कुमपुर लालकुर्ती में विगत सायं समय गुलदार ने मुकेश सोनकर के गाय के बछड़े पर हमला कर दिया। स्थानीय लोगों के शोर मचाने पर गुलदार बछड़े को जख्मी कर छोड़कर भाग गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि करीब 2 हफ्ते से लालकुर्ती बाजार में गुलदार की सक्रियता बने होने से स्थानीय लोगों में दहशत व्याप्त है। उन्होंने गुलदार को पकड़ने के लिए पिजरा लगाने की मांग वन विभाग से की है।

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