नीलकंठ में दो साल बाद टूटा सन्नाटा, रिकॉर्ड 2.50 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

कोरोनाकाल में पहली बार नीलकंठ धाम में सन्नाटा टूट गया है।

Update: 2022-03-01 18:02 GMT

कोरोनाकाल में पहली बार नीलकंठ धाम में सन्नाटा टूट गया है। मंदिर में रिकॉर्ड 2.50 लाख शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया। मंगलवार रात एक बजे से ही नीलकंठ में जलाभिषेक के लिए शिवभक्तों की लंबी लाइन लग गई। देर शाम तक मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

महाशिवरात्रि पर नीलकंठ पैदल मार्ग और लक्ष्मणझूला-नीलकंठ मोटर मार्ग पर शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। पैदल और मोटर मार्ग दिनभर भगवान शिव के जयकारों से गुंजायमान रहा। नीलकंठ पैदल मार्ग पर मंदिर से करीब डेढ़ किमी पहले भैरव मंदिर से शिवभक्तों की लंबी लाइन लग गई।देर रात से ही शिवधाम में शंख, घंटी की ध्वनि और मंत्रोच्चारण शुरू हो गए थे। करीब दो साल बाद महाशिवरात्रि पर्व पर नीलकंठ धाम में शिवभक्तों की भारी भीड़ जुटी। नीलकंठ धाम के पुजारी शिवानंद गिरी ने बताया कि इस बार धाम में शिवभक्तों का रिकॉर्ड टूट गया है। जो कि एक अच्छी खबर है।
ऐसा पहली बार हुआ है जब महाशिवरात्रि पर्व पर नीलकंठ धाम में शिवभक्तों की इतनी भीड़ बढ़ी है। कोरोनाकाल के कारण बीते दो महाशिवरात्रि पर्व पर धाम में सन्नाटा छाया रहा। श्रावण मास की कांवड़ यात्रा में भी शिवभक्तों ने नीलकंठ धाम में जलाभिषेक नहीं किया, लेकिन महाशिवरात्रि पर देर शाम तक भी धाम में भक्तों का आने का सिलसिला जारी रहा। सुबह तीन बजे से ही शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग गई। शिवभक्तों को करीब छह घंटे लाइन में खड़े होने के बाद शिवालयों में जलाभिषेक करने का पुण्य प्राप्त हुआ।
प्राचीन मंदिर वीरभद्र महादेव, चंद्रेश्वरनगर स्थित चंद्रेश्वर महादेव और सोमेश्वर महादेव में शिवभक्तों की लंबी लाइन लगी रही। चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में शिवभक्तों की करीब डेढ़ किमी लंबी लाइन लगी रही, जो दोपहर 12 बजे तक भी कम नहीं हुई।


Tags:    

Similar News

-->