राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यूनिफॉर्म सिलेबस के बगैर मुश्किल होगा प्रवेश

Update: 2022-07-30 09:39 GMT

हल्द्वानी न्यूज़: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नए सत्र में प्रवेश शुरू होने की पूरी संभावना जताई जा रही है। लेकिन, महाविद्यालयों की वर्तमान स्थिति को देखें तो क्या इस नीति के तहत मनचाहे विषयों के साथ अभ्यर्थियों का प्रवेश संभव है? इस विषय पर प्राध्यापकों से की गई चर्चा में यूनिफॉर्म सिलेबस को लेकर ज्यादातर राय सामने आई। इसमें प्राध्यापकों का साफ कहना था कि मनचाहे विषयों के साथ मनचाहे महाविद्यालय में यदि अभ्यर्थियों को प्रवेश दिलाने की योजना है तो वह इस व्यवस्था के तहत ही पूरी हो सकती है।

केंद्र सरकार की इस योजना को हर कोई सराह रहा है। लेकिन, बेसिक तौर पर तैयारी पूरी नहीं होना, बड़ी समस्या भी मानी जा रही है। इस विषय पर प्राध्यापकों से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत मनचाहें विषयों के चुनाव के लिए विद्यार्थियों को स्वतंत्रता दी गई है। स्किल डेवलपमेंट को लेकर भी बेहतर प्रयास है। लेकिन महाविद्यालयों में फैकल्टी का अभाव नीति के तहत पूरी शुद्धता के साथ प्रवेश प्रक्रिया में दिक्कत ला सकता है। यदि यूनिफॉर्म सिलेबस का नियम लागू किया जाए, तो यह नीति कारगर साबित हो सकती है और विद्यार्थियों के लिए असमंजस और असुविधा को खत्म किया जा सकता है।

क्या है यूनिफॉर्म सिलेबस: एमबीपीजी महाविद्यालय के भौतिक विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. सुबोध कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि इस नीति का पूरी तरह से पालन करने के लिए सभी विश्वविद्यालयों का एक प्लेटफार्म पर आना जरूरी है। यूनिफॉर्म सिलेबस होने से हर महाविद्यालय में सभी फैकल्टी उपलब्ध होगी। इससे मनचाहा महाविद्यालय और मनचाहे विषय का चुनाव कर पाने में अभ्यर्थियों को सुविधा रहेगी।

इसके लिए सरकार का बढ़ेगा खर्च: प्रो. श्रीवास्तव बताते हैं कि यूनिफॉर्म सिलेबस का नियम लागू करते हैं तो सरकार का खर्च बढ़ना तय है। छोटे महाविद्यालयों का भी विकास और वहां स्टाफ व संसाधनों की बढ़ोतरी करनी होगी। इसके लिए एक बड़े प्रोजेक्ट के तहत कार्य करना होगा, जिसमें करोड़ों रुपये खर्च होने लाजमी है।

दो अगस्त के बाद तैयार होगी मेरिट: कुमाऊं विश्वविद्यालय ने दो अगस्त तक वेबसाइट को रजिस्ट्रेशन के लिए चालू रखा है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद महाविद्यालयों में मेरिट सूची तैयार की जाएगी। उसके बाद विवि के निर्देश का इंतजार रहेगा और संभावित 15 अगस्त के बाद नई शिक्षा नीति के तहत प्रवेश प्रक्रिया को आरंभ किया जा सकता है।

प्रवेश को सरल करने के लिए अध्ययन कर रहे प्राध्यापक: महाविद्यालयों में प्रवेश को लेकर कमेटी तैयार की गई हैं। कमेटी में शामिल प्राध्यापक प्रवेश को लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का अध्ययन कर रहे हैं। विवि के द्वारा निर्देश जारी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई के लिए तैयार हैं।

अभी तो रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं। उसके बाद मेरिट सूची तैयार की जाएगी। विवि के निर्देश के अनुसार ही प्रवेश प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। – डॉ. एनएस बनकोटी, प्राचार्य, एमबीपीजी महाविद्यालय

विवि से जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। उसी के आधार पर तैयारी की जा जा रही है। नई शिक्षा नीति के तहत प्रवेश होने हैं। – डॉ. शशि पुरोहित, प्राचार्य, महिला कॉलेज

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रवेश को लेकर विश्वविद्यालय से जो भी गाइडलाइन आ रही हैं, उस पर महाविद्यालय में वर्कशॉप की जा रही है। – डॉ. संजय कुमार, प्राचार्य, गौलापार महाविद्यालय

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