हाई अलर्ट पर प्रशासन, कांवड़ यात्रा पर आतंकी हमले का इनपुट

Update: 2022-07-18 15:07 GMT

देहरादून: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है, हिन्दू धर्म में सावन का पूरा महीना भगवान महादेव के लिए समर्पित माना जाता है. सावन के पवित्र महीने में हर साल हरिद्वार में भक्तों का हुजूम उमड़ता है. प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में भक्त कांवड़ यात्रा निकालते हैं. लेकिन इस वर्ष की कांवड यात्रा पर आतंकियों की नापाक नजर बनी हुई है जिसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है. देश में वर्तमान हालात को देखते हुए कांवड यात्रा पर आतंकवादी खतरा मंडरा रहा है. इसके मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली , मध्य प्रदेश समेत संबंधित राज्यों को अलर्ट जारी किया है. कांवड यात्रा को आतंकियों के बुरे साये से बचाने के लिए हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश तक पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है.

बता दें कि 14 जुलाई को सावन लगने के साथ ही कांवड यात्रा शुरू हो चुकी है, हर साल सावन के पवित्र महीने में लाखों शिवभक्त यूपी, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों से हरिद्वार, ऋषिकेश पहुंचकर पवित्र गंगा जल को ले जाते हैं. पिछले दो साल कोविड के चलते कांवड यात्रा बंद रही. जिसके कारण इस बार करोड़ों की संख्या में शिवभक्तों के पहुचंने का अनुमान है. शिवभक्तों के हुजूम को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम पहले से ही किए हुए हैं. लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय की चेतावनी के बाद अब पुलिस हाई अलर्ट पर आ गई है. आशंका है कि आतंकी कांवड़ियों के भेष में किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं.

400 से अधिक CCTV कैमरों से निगरानी

कांवड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था को उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि- सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इनपुट जारी किए जाने के बाद से पुलिस हाई अलर्ट में आ गई है. पुलिस ने हरिद्वार, ऋषिकेश के होटलों में ठहरने वालों के अलावा बॉर्डर एरिया से आने वाले वाहनों की चौकसी भी बढ़ा दी है. इसके अलावा हरिद्वार और नीलकंठ में 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है. बम डिस्पोजल स्क्वॉयड की टीमें, डॉग स्क्वायड और एंटी टेरिरज्म स्क्वायड के कमांडों तैनात किए गए हैं.

करीब 4 करोड़ कांवडियों के पहुंचे की उम्मीद

अलर्ट मिलने के बाद केंद्र से सीआईएसएफ की 6 कंपनियों की और मांग की गई हैं. सीआईएसएफ की पांच कंपनियां पहले से ही की सुरक्षा में तैनात हैं. डीजीपी ने बताया कि कांवड यात्रा संवेदनशील होने के कारण इस पर आतंकी खतरा हमेशा से मंडराता रहा है, लेकिन इस साल एक तो कांवडियों की भारी तादाद और उस पर देशभर में चल रही गतिविधियों को देखते हुए इसको लेकर अलर्ट और बढ़ गया है. उन्होंने बताया कि इस साल करीब 4 करोड़ कांवडियों के उत्तराखंड पहुंचने की उम्मीद है.

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