देवभूमि न्यूज़: उत्तराखंड के जोशीमठ के भूगर्भ जल में एक बार फिर से रिसाव शुरू हो गया है। अचानक यहां रिसाव में 50 एलपीएम तक बढोत्तरी हुई है। जेपी कालोनी स्थित एक ही स्रोत से 240 एलपीएम पानी का बहाव हो रहा है। दोबारा और इतनी तेजी से रिसाव शुरू होने से यहां फिर से भू धंसाव होने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे हालात में स्थानीय लोग दहशत में हैं। हालांकि प्रशासन ने दावा किया है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने पहले ही सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली है। लोगों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है।
रिसाव दर 240 एलपीएम तक पहुंचा: अधिकारियों के मुताबिक जेपी कालोनी स्थित श्रोत से एक दिन पहले तक 190 एलपीएम की दर से रिसाव हो रहा था, लेकिन अचानक रिसाव में तेजी आई और रिसाव का दर 240 एलपीएम तक पहुंच गया। इस प्रकार रिसाव में करीब 30 एलपीएम की अचानक बढोत्तरी होने से प्रशासनिक मशीनरी भी परेशान है। आनन फानन में आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया है। विभाग के सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा के मुताबिक हाल ही में बारिश हुई है। संभव है कि रिसाव में तेजी इस बारिश की वजह से आई हो। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों की टीम इसकी जांच कर रही है। इसके सही कारणों के बारे में अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज वह खुद अधिकारियों और वैज्ञानिकों की टीम के साथ मौके पर पहुंच रहे हैं।
783 मकानों में आई दरारें: जोशीमठ में भू धंसाव और दरार के मामलों में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अब तक 783 भवनों में दरार आ चुकी है। इनमें से 148 भवन आपदाग्रस्त क्षेत्र में हैं। यह जानकारी आपदा सचिव डॉ. सिन्हा ने दी। उन्होंने जोशीमठ में जारी राहत व बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी। कहा कि प्रभावित क्षेत्र से अब तक 223 परिवारों के 754 लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया गया है।